खोरी गांव मामला: जंगल पर अतिक्रमण नहीं हो सकता, लोगों को वहां रहने का हक़ नहीं- कोर्ट
The Wire
सुप्रीम कोर्ट ने फ़रीदाबाद ज़िले के खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए क़रीब दस हज़ार आवासीय निर्माण हटाने का आदेश दिया है. जंगल की ज़मीन पर अनधिकृत निर्माण को ढहाने के मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि उसने बार-बार वन भूमि पर निर्माण को लेकर सवाल उठाया था.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि फरीदाबाद के खोरी गांव स्थित अरावली वन क्षेत्र में अनधिकृत घरों के निवासियों को वहां रहने का कोई अधिकार नहीं है और जंगल कोई खुली जमीन नहीं है, जिस पर कोई भी अतिक्रमण कर ले.
शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने बार-बार वन भूमि पर संरचनाओं के अस्तित्व पर सवाल उठाया था.
न्यायालय खोरी गांव में जंगल की जमीन पर अनधिकृत निर्माण को ढहाने के मामले की सुनवाई कर रहा था.
न्यायालय की यह टिप्पणी कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश एक वकील की दलीलें सुनने के बाद आई, जिसने फरीदाबाद नगर निगम की पुनर्वास योजना में पात्रता मानदंड सहित आवास के अधिकार, आजीविका के अधिकार और जीवन के अधिकार जैसी दलीलें दी थी.