खून बहने तक खून बहाने के प्रचार पर बात न करना ख़ुद को धोखा देना है…
The Wire
बीते कुछ दिनों से हरियाणा में एक के बाद एक हो रही महापंचायतें मुस्लिम-विरोधी आह्वानों से गूंज रहीं हैं. देश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ भाषाई और शारीरिक हिंसा रोज़ हो रही है, लेकिन नफ़रत का यूं खुला आयोजनपूर्वक प्रचार क्या बिना मक़सद किया जा रहा है? क्या जब बड़ी हिंसा होगी, हत्याएं होंगी, तभी हम जागेंगे?
‘नफ़रत और हिंसा के प्रचार के नतीजे होते हैं. उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. उन पर रोक लगाने के सारे उपाय किए जाने चाहिए.’ यह कहा कनाडा के प्रधानमंत्री ने. पिछले महीने एक 20 साल के कनाडाई युवक ने एक मुसलमान परिवार के चार सदस्यों को कुचलकर मार डाला तो कनाडा के शासक दल और विपक्षी दलों ने उस हिंसा को उसके नाम से पुकारा. वह मुसलमान विरोधी हिंसा थी. और वह अचानक, किसी के दिमाग़ में ख़लल पैदा हो जाने से नहीं हुई थी. वह कनाडा में लंबे समय से मुसलमान विरोधी घृणा और हिंसा के प्रचार का नतीजा थी. अफ़जाल परिवार में इत्तफ़ाक़ से सिर्फ़ 9 साल का बच्चा ज़िंदा बच गया था. संसद में प्रधानमंत्री और विपक्षी दलों ने भी ने पूछा कि उस बच्चे को हम कैसे समझाएंगे कि यह हिंसा उसके परिवार के ख़िलाफ़ क्यों हुई. क्यों एक शख़्स, जिसका उसके परिवार से कोई लेना-देना न था, कोई अदावत न थी, ने उसके पूरे परिवार को मार डाला? संसद में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अध्यक्ष महोदय, अगर कोई सोचता है कि इस देश में नस्लवाद और नफ़रत इस देश में नहीं है तो मैं पूछना चाहूंगा कि आख़िर अस्पताल में उस बच्चे को हम इस तरह की हिंसा को कैसे समझाएं?’More Related News