खुद को जिंदा साबित करने में लग गए 14 साल, बहन के लालच ने भाई को भटकाया दर-दर
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UP News: एक बहन ने अपने ही भाई को मृत दिखाकर उसकी जमीन अपने नाम करा ली. पीड़ित का बेटा अपने पिता को ज़िंदा साबित होने के लिए दर-दर भटकता रहा. आखिर में उसने तहसील कोर्ट में मुकदमा दायर किया और 14 साल बाद अपने पिता को जिंदा साबित कर पाया.
उत्तर प्रदेश के बांदा में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है. जहां एक बहन ने अपने ही भाई को मृत दिखाकर उसके नाम की जमीन अपने नाम करा ली और फिर उसे बेच दिया. जब पीड़ित को पता चला तो होश उड़ गए और बेटा अपने पिता को ज़िंदा साबित होने के लिए दर-दर भटकने लगा. आखिर में उसने तहसील कोर्ट में मुकदमा दायर किया और 14 साल बाद अपने पिता को ज़िंदा साबित कर पाया. बहन ने अपने भाई के नाम से कूटरचित तरीके से कागजात तैयार कर जमीन नाम करा ली थी. पिता को ज़िंदा साबित करने के बाद उसने बुआ के नाम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है.
यह पूरा मामला कालिंजर थाना इलाके का है. जहां सकतल गांव के रहने वाले शेरा (69) की पत्नी की 29 साल पहले मृत्यु हो गई थी. मौत होने के बाद बुजुर्ग शेरा अपने बेटे और परिवार के साथ दूसरी जगह चला गया और मजदूरी करने लगा.
बेटा बड़ा हुआ तो साल 2008 में शेरा उसे अपने गांव लेकर पहुंचा. तब उसे पता चला कि महोबा जिले में ब्याही बहन बेटीबाई ने उसकी जमीन को अपने नाम करा लिया और फर्जी दस्तावेज तैयार कर शेरा को मृत दिखा दिया. यही नहीं, महिला ने जमीन को बेच भी दिया.
इधर, शेरा के बेटे मंगल ने कूटरचित तरीके से जमीन कब्जा करने की शिकायत दर्ज कराई. लेकिन बुआ बेटीबाई ने उसकी एक न सुनी. पीड़ित अधिकारियों के चक्कर भी लगाता रहा, लेकिन उसे कहीं से सफलता नहीं मिली. अंत में साल 2008 में नरैनी तहसील में वाद दायर किया.
14 साल बाद दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद तहसीलदार ने मामले में न्याय किया और शेरा के पक्ष में फैसला दिया. लेकिन अभी भी जमीन पर कब्जा नहीं मिला है, जिस पर पीड़ित बुजुर्ग ने कालिंजर थाना में फर्जी तरीके से जमीन को विरासत के तौर पर कब्जा करने के मामले की शिकायत की और न्याय की मांग की है. पुलिस ने धोखाधड़ी सहित गंभीर धाराओं में केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.
SHO कालिंजर ने बताया कि पीड़ित की बहन ने फर्जी तरीके से जमीन किसी और को बेच दी थी. तहसील न्यायालय से जमीन पुनः उनके नाम दर्ज हुई है. शिकायत मिलते ही केस दर्ज किया गया है. विवेचना की जा रही है. गुण दोष के आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
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