खाड़ी देशों में भारतीय मज़दूरों की ‘चोरी हुई पगार’ उन्हें कैसे मिलेगी?
BBC
कोरोना महामारी और उससे पहले भी भारत लौटकर आने वाले कामगार लोगों का पैसा खाड़ी देशों में मारा जाता रहा है. आख़िर उसे वापस कैसे लाया जा सकता है?
बिहार के सीवान से लेकर केरल के कोल्लम और ओडिशा के पारादीप तक, कई लोग अपने पैसे का इंतज़ार कर रहे हैं, जो उन्होंने खाड़ी देशों में नौ से 23 साल के बीच काम करके कमाया था. लेकिन, अब उन्हें बताया जा रहा है कि वे 'पगार की चोरी' के शिकार हो गए हैं. बिहार के सीवान के प्रीतम कुमार सिंह ने 13 साल तक सऊदी अरब में एक निर्माण कंपनी में सुपरवाइज़र की तरह काम किया. जब कोविड ने खाड़ी देशों में भी दस्तक दी, तो उन्हें जाने के लिए कहा गया. वो बताते हैं, "हमें जून महीने का भुगतान भी नहीं किया गया." ये भी पढ़ें: कोरोना: खाड़ी के देशों से भारत आने वाला पैसों में बड़ी गिरावट आएगी सीवान में अपने पुश्तैनी घर से बात करते हुए उन्होंने बीबीसी हिंदी से कहा, "हमें बिना किसी भुगतान के भेज दिया गया, बिना पगार के वादे के, हमें 11 साल काम करने के बदले हर साल एक महीने की पगार बेनिफिट के तौर पर कंपनी छोड़ते समय मिलनी थी."More Related News