ख़ुदा गवाह: वो फ़िल्म जिसे अफ़ग़ान मुजाहिदीनों से लेकर आम लोगों तक ने पसंद किया
BBC
अमिताभ बच्चन अफ़ग़ानिस्तान में ख़ुदा गवाह की शूटिंग कर रहे थे, तो एक कबीले के नेता ने उन्हें अपने घर बुलाया और जब अमिताभ बच्चन वहां पहुंचे तो कबीले के नेता ने उन्हें गोद में उठा लिया.
बात 90 के दशक की है. अफ़ग़ानिस्तान में मुजाहिदीन के साथ लड़ाई जारी थी.
ऐसे में तत्कालीन अफ़ग़ान राष्ट्रपति नजीबुल्लाह की बेटी ने अपने पिता से गुज़ारिश करते हुए कहा कि वे मुजाहिदीनों से कहें कि सब एक दिन के लिए लड़ाई बंद कर दें.
ये बच्ची चाहती थी कि जब हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री का इतना बड़ा स्टार भारत से अफ़ग़ानिस्तान आया हुआ है, ऐसे में अगर लड़ाई बंद रहेगी तो वो सितारा काबुल में घूम पाएगा और लोग भी उन्हें देख पाएँगे.
इस सितारे का नाम था अमिताभ बच्चन और वो फ़िल्म ख़ुदा गवाह की शूटिंग के लिए अफ़ग़ानिस्तान आए हुए थे.
ये किस्सा अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राजदूत ने मुझे तब सुनाया जब मैं कुछ साल पहले लद्दाख में उनसे मिली थी. 8 मई 1992 को रिलीज़ हुई हिंदी फ़िल्म ख़ुदा गवाह काबुल और मज़ार शरीफ़ में शूट हुई थी. मुजाहिद्दीन के दौर के बाद से 30 साल गुज़र चुके हैं.