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क्लास के बीच बच्चा टॉयलेट भी न जाए? यहां स्कूल ने वॉशरूम के बाहर लगाई सलाखें
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यूके के एक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता ये जानकर हैरान रह गए कि स्कूल प्रबंधन ने बाथरूम के चारों ओर सलाखें लगा दी हैं ताकि छात्र कक्षा के दौरान इसे यूज न कर सकें.
दुनियाभर में बच्चे स्कूल जाते हैं तो किताबों के साथ में लंच और वाटर बोतल भी लेकर जाते हैं. यानी जितने घंटे वे स्कूल में रहेंगे तब तक उन्हें किसी चीज की कमी न हो. लेकिन एक बेसिक नीड होती है वॉशरूम का यूज और इसका इंतजाम तो कोई साथ लेकर चल नहीं सकता. ऐसे में स्कूलों में इसके लिए जरूर अच्छी सुविधा रखी जाती है. लेकिन हाल में यूके का एक स्कूल बच्चों पर ऐसी चीज के लिए भी प्रतिबंध लगाकर चर्चा में आ गया है.
यूके के माता-पिता ये जानकर हैरान रह गए कि उनके बच्चों के स्कूल प्रबंधन ने बाथरूम के चारों ओर सलाखें लगा दी हैं ताकि छात्र कक्षा के दौरान इसे यूज न कर सकें. एक बच्चे के 54 साल के दादा इयान वार्ड ने कोवेंट्री लाइव को इसके बारे में बताया कि कोवेंट्री में फॉक्सफोर्ड कम्युनिटी स्कूल में ऐसी अजीब चीज लागू की गई है. उन्होंने कहा कि बाथरूम पर जेल जैसा दरवाजा लगा देना तो अति हो गई.
उन्होंने 6 मार्च स्कूल ने इसे लागू किया है क्योंकि उन्हें क्लास के बीच में बच्चों के बाथरूम जाने से परेशानी थी. उन्होंने विस्तार से नहीं बताया, हालाँकि संभवतः इसका संबंध छात्रों द्वारा बार बार बाहर घूमने पर नकेल कसने के लिए चल रहे अभियान का हिस्सा था.
वार्ड ने बताया, फॉक्सफोर्ड ने कुछ समय से बच्चों को बाथरूम करने से रोकने के लिए शौचालय पर ताले लगा दिए थे लेकिन अब उन्होंने बच्चों को शौचालय के पास जाने से रोकने के लिए पिंजरे में बंद दरवाजे लगा दिए हैं और कहा है कि बच्चे केवल ब्रेक के दौरान ही वॉशरूम यूज कर सकते हैं क्लास के दौरान नहीं. कक्षा 7 से 11 तक लागू किया गया ये नियम अजीब है. उन्होंने चिढ़कर कहा- 'स्कूल को बच्चों के लिए एक सुरक्षित स्थान माना जाता है और यहां आरामदायक वातावरण माना जाता है, लेकिन जब बाथरूम तक बंद हैं तो यह एक आरामदायक वातावरण कैसे हो सकता है? ये तो बच्चे से बाथरूम जाने तक की आजादी छीन रहे हैं.'उन्होंने आगे कहा, क्या होगा अगर कोई बच्चा क्लास में पेशाब न रोक पाए?
हालांकि, फ़ॉक्सफ़ोर्ड स्कूल के अधिकारियों ने इन आरोपों पर आपत्ति जताई और दावा किया कि उन्होंने केवल दो बाथरूमों में ऐसे दरवाजे लगाए थे. ये पिंजरे नहीं हैं और दरवाज़े स्कूल से पहले और बाद में, साथ ही छुट्टी के समय भी खोले जाते हैं.'
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