क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? पढ़िए अहम सवालों के जवाब
BBC
सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून लाएगी यह सुनकर तो बहुत से लोगों को राहत मिलनी थी, लेकिन हुआ इसका उल्टा. क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्या है सरकार की योजना और बाज़ार में क्यों है बेचैनी?
सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून लाएगी यह सुनकर तो बहुत से लोगों को राहत मिलनी थी, लेकिन हुआ इसका उल्टा. क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में तहलका मचा हुआ है और जो खबरें छन-छन कर आ रही हैं उन्हें देखकर लगता है कि अभी कोहराम जारी रहेगा.
आपने टॉस यानी सिक्का उछालने का खेल तो देखा ही होगा लेकिन बच्चे कई बार टॉस के लिए सिक्का उछालने के बजाय उसे चकरघिन्नी की तरह नचा देते हैं.
सिक्के के वजन और फर्श की क्वालिटी से तय होता है कि कितनी देर नाचेगा और फिर कब थक कर ज़ोरदार आवाज़ करता हुआ सिक्का चित या पट हो जाएगा.
बिटकॉइन का मामला भी इस वक़्त उस चकरघिन्नी बने सिक्के जैसा है. अब यह कब तक चक्कर खाता रहेगा कहना मुश्किल है.
इतनी विकट तुलना बेवजह नहीं है. वजह यह है कि सरकार कई बातें साफ कर चुकी है, जैसे ही क्रिप्टोकरेंसी विधेयक का मसविदा यानी ड्राफ्ट सामने आएगा वैसे ही काफी कुछ और भी साफ हो जाएगा, लेकिन अब इस बात की पूरी आशंका है कि उसके बाद भी इस किस्से में बहुत से सवाल खड़े रहेंगे और जो उलझन खत्म होने की उम्मीद थी वो शायद और बढ़ चुकी होगी. इसीलिए कहा कि यह सिक्का कब तक नाचता रहेगा पता नहीं.