क्यों भाजपा के लिए मुस्लिम ही एकमात्र मसला हैं
The Wire
गुजरात भाजपा द्वारा साझा किए गए कार्टून से डरने की वजह है कि हम पहले भी एक धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने वाली इस तरह की सनक भरी नफ़रत देख चुके हैं और यह जानते है कि इसका अंजाम क्या होता है.
हमें नरेंद्र मोदी और अमित शाह की सौगात देने वाली गुजरात प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने अब एक ऐसा गैरस्तरीय और जहरीला कार्टून साझा किया है जो हमें एक साथ यहूदियों के खिलाफ नाजियों के दुष्प्रचार और दक्षिणी संयुक्त राज्य में नस्लवादियों द्वारा एक-दूसरे को भेजी जानेवाली लिंचिंग का जश्न मनाने वाली तस्वीरों की याद दिलाता है. ‘नाजी प्रोपगेंडा ने राजनीतिक जगत को व्यक्ति और और उसकी पहचान के बीच संघर्ष में रूपांतरित करके एक मिथकीय विश्व की रचना की थी, जिसमें सद्गुणी नौजवान जर्मनी ने पूरे पौरुष के साथ दुष्ट साजिशकर्ताओं, सबसे बढ़कर- यहूदियों से युद्ध लड़ा था. इस मिथक में मूल तत्व यहूदी थे- सबसे पहले जर्मनी के भीतर राजनीतिक लड़ाइयों में और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर. उत्पीड़न के इस भीषण उन्माद, इस विभ्रमपूर्ण मिथक ने जर्मन दुष्प्रचार के विभिन्न धागों को साथ [जोड़ने] का काम किया. गॉम्बरिच ने निष्कर्ष निकाला कि नाजी प्रोपगेंडा की विशेषता, ‘उतना झूठ नहीं था, जितना कि एक डर या डराने वाले पैटर्न के चश्मे से दुनियावी घटनाओं को देखना’ था.’
ट्विटर और इंस्टाग्राम पर साझा किये गए लेकिन बाद में इन प्लेटफॉर्मों द्वारा हटा दिए गए इन कार्टूनों में गर्दन में फांसी का फंदा पड़े हुए, रस्सी से झूलते मुस्लिम पुरुषों के एक समूह को दिखाया गया है.
इस कार्टून में गुजराती में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा गया है. अतिरिक्त प्रभाव पैदा करने के लिए भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का (कानून का उल्लंघन करते हुए) इस्तेमाल किया गया है.
इस कार्टून का संदर्भ एक ट्रायल कोर्ट द्वारा 38 लोगों को मौत की सजा सुनाया जाना है. ट्रायल कोर्ट ने 2008 में अहमदाबाद में विभिन्न स्थानों पर बमों की श्रृंखला रखने के आरोपी 77 लोगों पर चले मुकदमे की सुनवाई के बाद यह सजा सुनाई. इन बम धमाकों में 56 लोग मारे गए और 200 से ज्यादा जख्मी हो गए. 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई और 28 लोगों को बरी कर दिया गया.