क्या R-Value में गिरावट कोरोना की दूसरी लहर की पीक का संकेत दे रही है?
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पांच प्रमुख राज्यों में आर-वैल्यू 1 से नीचे आ गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे घनी आबादी वाले राज्य शामिल हैं. इसके अलावा बुरी तरह से प्रभावित दिल्ली में भी आर-वैल्यू 1 से नीचे आ गया है. यह एक रहत भरी खबर है.
देश भर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच उम्मीद की एक किरण नजर आने लगी है. जानकारों का कहना है कि भारत में रिप्रोडक्शन वैल्यू (R वैल्यू) जिससे कोरोना संक्रमण की सक्रियता को जाना जाता है, मार्च के पहले सप्ताह में एक स्तर तक गिर गया है. ऐसे में भले ही नए मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, तीन दिनों में संक्रमण का आंकड़ा 4 लाख का आंकड़ा पार कर गया हो, लेकिन आर-वैल्यू में कमी देखी जा रही है. इससे यह संकेत मिलते हैं कि संक्रमण के पहले की तुलना में धीमी रफ्तार से फैलने की संभावना है. जिसके बाद यह खबर देश के वैज्ञानिकों समेत सभी को राहत देती हुई नजर आ रही है. प्रमुख महामारी विज्ञानी गिरिधर बाबू ने कहा कि आंकड़ों पर नजर डालें तो बीती 5 मई को आर-वैल्यू घटकर 1.09 हो गया था. जोकि 5 मार्च को 1.08 के स्तर पर था और अप्रैल के तीसरे सप्ताह में बढ़कर 1.56 पर पहुंच गया था. इसके बाद से ही इसमें धीरे-धीरे कमी आ रही है. उन्होंने बताया कि हालांकि नए मामलों की संख्या में कमी आने से पहले कुछ समय लग सकता है. आर-वैल्यू में कमी, संक्रमण की गति को कम करेगी. क्लिक करें- कोरोना के लिए एक और दवा को मंजूरी, DRDO की मेडिसिन से कम होगी ऑक्सीजन की जरूरतसबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.