क्या होता है ग्रीन हाइड्रोजन, वाइजैग में PM मोदी ने जिसके हब की रखी नींव, जानें इसके फायदे
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ग्रीन हाइड्रोजन पानी से मिलेगा. वह भी सौर, पवन और जल ऊर्जा की मदद से. जैसे पनचक्की चलाकर बिजली पैदा की जाती है. उसी बिजली से इलेक्ट्रोलाइजर की मदद से पानी के अणुओं को तोड़कर ग्रीन हाइड्रोजन पैदा किया जा सकता है. यानी रेन्यूबल ऊर्जा से नई ऊर्जा पैदा करना.
पीएम नरेंद्र मोदी आज (बुधवार) आंध्र प्रदेश के वाइजैग में ग्रीन हाइड्रोजन हब प्रोजेक्ट की नींव रखेंगे. यह प्रोजेक्ट गंगावरम पोर्ट के पास करीब बनाया जाएगा. रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां रोज 1500 टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन होगा. ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि आखिर ग्रीन हाइड्रोजन क्या है? इसकी क्या जरूरत है, इसके फायदे क्या हैं और क्यों सरकारें इन दिनों ग्रीन हाइड्रोजन पर इतना जोर दे रही हैं.
क्या होता है ग्रीन हाइड्रोजन?
पूरी दुनिया को पता है कि H2O यानी पानी. सामान्य भाषा में इसमें दो कण हाइड्रोजन (H2) के हैं. एक हिस्सा ऑक्सीजन (O) का. अब अगर इन्हें इलेक्ट्रोलाइजर से अलग कर दें, तो जो हाइड्रोजन बचेगा, वो है ग्रीन हाइड्रोजन. इलेक्ट्रोलाइजर वह धातु है जो बिजली का करंट पैदा करके अणुओं को तोड़ने का काम करता है.
कैसे और कहां से मिलेगा?
ग्रीन हाइड्रोजन पानी से मिलेगा. वह भी सौर, पवन और जल ऊर्जा की मदद से. जैसे पनचक्की चलाकर बिजली पैदा की जाती है. उसी बिजली से इलेक्ट्रोलाइजर की मदद से पानी के अणुओं को तोड़कर ग्रीन हाइड्रोजन पैदा किया जा सकता है. यानी रेन्यूबल ऊर्जा से नई ऊर्जा पैदा करना.
क्या है मिशन का मकसद?
6.5 किलोमीटर लंबी यह सुरंग लद्दाख क्षेत्र में देश की रक्षा जरूरतों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है और यह केंद्र शासित प्रदेश को देश के बाकी हिस्सों से भी जोड़ती है. प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के निर्माण में शामिल एक अधिकारी के अनुसार, अगर मौसम अच्छा रहा तो पीएम मोदी खुद जाकर सुरंग का उद्घाटन कर सकते हैं.
तिरुपति के प्रसिद्ध बालाजी मंदिर में भयानक भगदड़ मच गई. दर्शन के लिए टोकन लेने के दौरान यह हादसा हुआ. लगभग 4000-5000 श्रद्धालु लाइन में खड़े थे. इस भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया है और स्थिति को नियंत्रण में ले लिया है. मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने टीटीडी चेयरमैन से बात की है. जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी.
हजारों श्रद्धालु वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन के लिए तिरुपति के विभिन्न टिकट केंद्रों पर कतार में खड़े थे. यह घटना उस समय हुई जब श्रद्धालुओं को बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार में लगने की अनुमति दी गई थी. भगदड़ मचने से वहां अफरा-तफरी मच गई, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई. इनमें मल्लिका नाम की एक महिला भी शामिल है.