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क्या सबसे मजबूत आतंकी संगठन हो जाएगा जैश | जानें तालीबान प्रमुख अब्दुल गनी बरादर और मसूद अजहर का कनेक्शन
ABP News
Afghanistan Taliban Crisis: तालिबान के मुखिया अब्दुल गनी बरादर और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर ने मुसीबत के वक्त में एक दूसरे की मदद की है. दोनों में कुछ समानताएं भी हैं.
Afghanistan Taliban Crisis: आंतकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद एक बार फिर तालिबान के मुखिया अब्दुल गनी बरादर (Abdul Ghani Baradar) से अपने संबंधों को कैश करा रहा है. जैश प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) और अब्दुल गनी बरादर दोनों ही देवबंदी है और दोनों ने ही एक दूसरे की मुसीबत पड़ने पर मदद की है. चाहे वह मसूद अजहर की रिहाई हो या फिर बरादर की फरारी रही हो. अब मसूद और आईएसआई ने तालिबान के टॉप कंमाडरो से मिलकर उनसे भविष्य की साजिशों पर चर्चा की औऱ इस दौरान आईएसआई ने तहरीक-ए-तालिबान का भी रोना रोया. माना जा रहा है कि तालिबान की सरकार बनने के बाद जैश सभी आंतकी संगठनों में सबसे ज्यादा पावरफुल हो जायेगा जो भारत के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. फफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति के तौर पर सामने आए अब्दुल गनी बरादर जो तालिबान के राजनैतिक प्रमुख भी है और एक जमाने में उसके आर्थिक मामलों के प्रभारी समेत मिलिट्री योजनाओं के प्रमुख भी रह चुके हैं. तालिबान मे नंबर दो के तौर पर जाने जाने वाले बरादर के बारे में कहा जाता है कि वो कबीला प्रथा के तहत अपने कामों को अंजाम देता है और इसी के तहत वो अपने लोगों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है. कुख्यात आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया मसूद अजहर इसी बरादर का प्रिय है. मसूद अजहर जो भारत के कश्मीर में गिऱफ्तार हुआ था और उसकी रिहाई के लिए भारतीय जहाज आईसी 814 को हाईजैक किया गया था. खुफिया सूत्रों की मानें तो अब्दुल गनी बरादर और जैश के मुखिया मसूद अजहर के बीच एक दो नहीं, अनेकों समानताए हैं. यही कारण है कि दोनों एक दूसरे को बेहद पंसद करते है और इसीलिए कहा जा रहा है कि जैश अब फिर से अपने संबंधो को कैश कराएगा.More Related News