क्या वेब सीरीज़ की गालियां सुनकर आपके कान भी अब लाल नहीं होते?
NDTV India
आख़िरी बात- कला के लिए एडल्ट या बालिग होने से ज़्यादा ज़रूरी मैच्योर यानी परिपक्व होना है. कई बार लगता है, बालिग होने की हड़बड़ी में ये लोग परिपक्व होना भूल गए हैं.
पिछले दिनों किसी ओटीटी प्लैटफॉर्म पर आ रही एक वेब सीरीज़ में जब पहली बार एक गंदी गाली सुनी तो मेरे कान लाल हो गए. लगा कि इसे परिवार के साथ देखना मुश्किल है. लेकिन बीते एक महीने में अब कान लाल होना बंद हो गए हैं. गंदी गालियां आम लगने लगी हैं. हम इन दिनों सपरिवार इन गालियों के बीच वेब सीरीज़ का लुत्फ़ उठा रहे हैं.More Related News