क्या वाकई 146 अंग्रेज़ों को कलकत्ता की काल कोठरी में ठूँसा गया था ? - विवेचना
BBC
चार कै़दियों के लिए बनी 18X14 फ़ीट की एक कोठरी में 146 अंग्रेज़ों ठूँस दिया गया, जिसमें सिर्फ़ दो छोटी सी खिड़कियाँ थीं. क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी?
कहा जाता है कि इंग्लैंड में किसी भी स्कूल का बच्चा भारत के बारे में तीन चीज़ें ज़रूर जानता था, काल कोठरी (ब्लैक होल ), प्लासी की लड़ाई और 1857 का विद्रोह. दरअसल 1707 में औरंगज़ेब की मौत के बाद से ही मुग़ल साम्राज्य का तेज़ी से पतन शुरू हो गया था और बंगाल तकनीकी रूप से मुग़ल साम्राज्य का हिस्सा होते हुए भी एक तरह से आज़ाद प्रांत बन गया था. जब अंग्रेज़ों और फ़्राँसीसियों ने वहाँ अपनी फ़ैक्ट्रियों की किलेबंदी शुरू कर दी तो नवाब सिराजुद्दौला को लगा कि वह उनको दिए गए अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्होंने उनसे जवाबतलब किया. अंग्रेज़ों के जवाब से सिराजुद्दौला संतुष्ट नहीं हुए. लिहाज़ा 16 जून, 1756 को उन्होंने कलकत्ता पर हमला बोल दिया. जब ये लगने लगा कि अंग्रेज़ों की हार निश्चित है, गवर्नर जॉन ड्रेक अपने कमांडर, अपनी परिषद के अधिकतर सदस्यों, महिलाओं और बच्चों के साथ हुगली नदी में खड़े एक पोत पर सवार होकर बच निकले.More Related News