क्या मोदी सरकार रेलवे का करेगी निजीकरण? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया पूरा प्लान
ABP News
रेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने रेलवे को नयी दिशा दी है. बहुत बड़े पैमाने पर परिवर्तन हुआ है. सांसद खुद कहते हैं कि ये परिवर्तन दिखता है. उन्होंने सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया.
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को साफ तौर पर कहा कि रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है और इस बारे में कही गई सभी बातें ‘काल्पनिक’ हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की दृष्टि में ‘रणनीतिक क्षेत्र’ के रूप में रेलवे की सामाजिक जवाबदेही है, जिसे वाणिज्यिक व्यवहार्यता पर ध्यान देते हुए पूरा किया जा रहा है. रेल मंत्री ने यह भी कहा कि भर्ती को लेकर छात्रों के साथ ‘गलतफहमी’ को रेलवे ने सहानुभूतिपूर्ण ढंग से सुलझा लिया है. रेल मंत्री ने कहा, ‘‘भर्ती पर कोई रोक नहीं है. 1.14 लाख रिक्तियों को लेकर भर्ती प्रक्रिया जारी है.’’ ‘वर्ष 2022-23 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा’ का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं हो सकता, क्योंकि पटरियां रेलवे की हैं, इंजन रेलवे के हैं, स्टेशन और बिजली के तार रेलवे के हैं. इसके अलावा डिब्बे और सिग्नल प्रणाली भी रेलवे की ही हैं.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती पीयूष गोयल भी पहले स्पष्ट कर चुके हैं कि रेलवे का ढांचा जटिल है और इसका निजीकरण नहीं होगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मालगाड़ियों का भी निजीकरण नहीं किया जा रहा. रेल मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार की दृष्टि में ‘रणनीतिक क्षेत्र’ के रूप में रेलवे की सामाजिक जवाबदेही है. इसका अब तक पालन किया गया और आगे भी किया जायेगा. इसे वाणिज्यिक व्यवहार्यता पर ध्यान देते हुए पूरा किया जा रहा है.’’ इस विषय पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार पर रेलवे के ‘निजीकरण’ की ओर कदम बढ़ाने और सिर्फ मुनाफा कमाने पर ध्यान देने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि सरकार की ओर से रेल आधुनिकीकरण की बात करना सिर्फ ‘दुष्प्रचार’ है. रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे की सामाजिक जवाबदेही पर ध्यान दें तब स्पष्ट होगा कि हम 60 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रहे हैं. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ‘वर्ष 2022-23 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ को मंजूरी प्रदान कर दी.