क्या भारतीय महिला क्रिकेट के आगे बढ़ने की राह में बीसीसीआई ही सबसे बड़ा रोड़ा है
The Wire
विशेष रिपोर्ट: महिला क्रिकेट की कम लोकप्रियता के लिए हमेशा व्यूअरशिप यानी उसे कम देखे जाने को ज़िम्मेदार बताया जाता है. इसके बावजूद भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पहली बार हो रहे डे-नाइट टेस्ट मैच के दिनों में ही बीसीसीआई ने आईपीएल मैच रखे हैं. आंकड़े दिखाते हैं कि बीसीसीआई में महिला क्रिकेट का विलय होने के बाद से टीम को न सिर्फ खेलने के कम मौके मिले, बल्कि उनके मैच भी ऐसे दिन हुए जब पुरुष टीम भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रही थी.
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है. दौरे की औपचारिक शुरुआत 21 सितंबर से होगी जिसमें तीन एकदिवसीय, एक टेस्ट और तीन ट्वेंटी-20 मैच खेले जाएंगे. दौरे का समापन 11 अक्टूबर को टी20 मैच से होगा.
सीरीज में आकर्षण का केंद्र 30 सितंबर से 3 अक्टूबर के बीच होने वाला डे-नाइट टेस्ट मैच रहेगा. भारतीय महिलाएं पहली बार डे-नाइट टेस्ट खेलेंगी. पिछले सात सालों में भारतीय महिलाओं का यह सिर्फ दूसरा टेस्ट मैच होगा. (इसी वर्ष 16-19 जून के बीच उन्होंने सात सालों बाद कोई टेस्ट खेला था.)
डे-नाइट मैच का आयोजन भारतीय समयानुसार सुबह 11:30 बजे होगा. जो कि करीब शाम 7 बजे तक चलेगा. लेकिन 2-3 अक्टूबर को जब मैच का नतीजा निकलने की संभावना होगी, तब संभव है कि इस मैच को देखने और इस पर चर्चा करने वाला शायद ही कोई हो क्योंकि उस दौरान देश ही नहीं, दुनियाभर की नज़र भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा आयोजित विश्व क्रिकेट की सर्वाधिक लोकप्रिय टी-20 लीग इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) पर होगी.
2-3 अक्टूबर को आईपीएल में ‘डबल हेडर डे’ होंगे यानी दिन में दो मैच खेले जाएंगे. पहला मैच दोपहर 3:30 बजे ठीक उसी समय शुरू होगा, जब भारतीय महिलाएं भी ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट खेल रही होंगी.