क्या परमाणु हमला करने के लिए प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति से मंजूरी लेना जरूरी होगा? जानें क्या है प्रक्रिया
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Presidential election 2022: अगर भारत के सामने अपने दुश्मन पर परमाणु हमला करने की नौबत आ जाए तो पीएम निवास लोक कल्याण मार्ग से लेकर रायसीना हिल्स पर क्या गतिविधियां होंगी? इस बारे में क्या कहता है भारत का न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन? क्या प्रधानमंत्री अपने फैसले की जानकारी राष्ट्रपति को देंगे?
क्या होगा अगर भारत को अपने किसी दुश्मन पर परमाणु हमला करने की नौबत आ जाए? सवाल काल्पनिक (Hypothetical) है लेकिन आज के जियोपॉलिटिकल वर्ल्ड पर गौर करें तो अनिष्ट की आशंका से भरे इस काल्पनिक सवाल में सच्चाइयां भी छिपी हैं. भारत के न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन (Nuclear Doctrine of India) के अनुसार हमारा देश नो फर्स्ट यूज की पॉलिसी का पालन करता है. यानी भारत पहले परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं करेगा. हालांकि, हमारी परमाणु नीति यह भी कहती है कि जैविक या रासायनिक हथियारों से भारत या भारतीय सेना के खिलाफ कहीं भी (Anywhere) बड़े हमले की स्थिति में, भारत परमाणु हथियारों से जवाबी कार्रवाई करने का विकल्प खुला रखेगा.
इंडिया की परमाणु नीति का विश्लेषण करने से इतना तो समझ आता है कि भारत अपने जखीरे से परमाणु हथियारों का इस्तेमाल तभी करेगा जब हमारा देश स्वयं 'महाविनाश' का शिकार हो चुका होगा. तो भारत द्वारा इस घातक और विध्वंसक जवाबी एटमी हमला करने की प्रक्रिया क्या होगी? ये एक ऐसा प्रश्न है जिसका जवाब प्रधानमंत्री कार्यालय में मौजूद अति गोपनीय फाइलों में सहेज कर रखा गया है. यहां पीएमओ की चर्चा इसलिए की गई है क्योंकि भारत की सरकार ने परमाणु हमला करने के लिए जिस नेशनल कमांड अथॉरिटी (Nuclear Command Authority) को बनाया है उसके अनुसार नेशनल कमांड अथॉरिटी के तहत बनी पॉलिटिकल काउंसिल के चेयरमैन प्रधानमंत्री को ही एटमी अटैक पर निर्णय लेने का एकमात्र अधिकार है.
रायसीना हिल्स! भारत का VVIP और प्रीमियम एड्रेस
हालांकि प्रधानमंत्री परमाणु युद्ध पर फैसला लेने वाले सुप्रीम शक्ति हैं. लेकिन यहां एक और सुप्रीम कमांडर है और उसका पता बेहद महत्वपूर्ण है. ये एड्रेस है रायसीना हिल्स! हिन्दुस्तान का वो पता जो सुपर प्रीमियम और VVIP है. रायसीना हिल्स पर मौजूद 330 एकड़ में फैले राष्ट्रपति भवन में भारतीय गणराज्य के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति भारत के राष्ट्रपति रहते हैं. 340 कमरे वाली इस भव्य इमारत में भारत के प्रथम नागरिक यानी कि राष्ट्रपति और उनके पूरे स्टाफ का निवास है.
युद्ध की घोषणा करने का एक्सक्लूसिव अधिकार राष्ट्रपति के पास
भारत के संविधान का अनुच्छेद 53 (Article 53) राष्ट्रपति के सैन्य अधिकारों की व्याख्या करते हुए उन्हें भारत के सशस्त्र बलों का सुप्रीम कमांडर बताता है. भारत की रूल बुक के अनुसार राष्ट्रपति सैन्य बलों के सुप्रीम कमांडर हैं. राष्ट्रपति ही सेना के तीनों (जल-थल और नभ) सर्वोच्च कमांडरों की नियु्क्ति करते हैं. राष्ट्रपति के पास भारत की ओर से किसी दूसरे देश के साथ युद्ध की घोषणा करने का एक्सक्लूसिव अधिकार होता है. इसके साथ ही वे किसी युद्धरत राष्ट्र के साथ शांति की घोषणा करने का भी विशिष्ट अधिकार रखते हैं. हालांकि राष्ट्रपति ये फैसले मंत्रिपरिषद (जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं) की सलाह मानते हुए करते हैं. इसके अलावा सभी अंतरराष्ट्रीय संधियां और समझौते भी राष्ट्रपति के नाम से की जाती हैं.
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