क्या पंजाब में कांग्रेस की अंदरूनी कलह से निपटने का कोई समाधान नहीं बचा है
The Wire
नवजोत सिंह सिद्धू के क़रीबी चार मंत्री और तीस से अधिक कांग्रेस विधायकों की नई मांग है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाना चाहिए.
चंडीगढ़: कांग्रेस आलाकमान भले ही यह विश्वास दिलाना चाहे कि पार्टी की पंजाब राज्य इकाई में अब सब ठीक है, लेकिन हालिया घटनाक्रम दिखाते हैं कि हालात बिल्कुल इसके विपरीत हैं. वास्तविकता उस छवि से बिल्कुल मेल नहीं खाती जो पार्टी बनाने की कोशिश कर रही है. मंगलवार (24 अगस्त) को उपजे ताजा विद्रोह, जहां पार्टी की राज्य इकाई के एक वर्ग द्वारा मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग की गई, ने ऐसी किसी भी धारणा पर विराम लगा दिया है कि राज्य में पार्टी के विभिन्न पक्ष एक समझौते पर पहुंच गए हैं. एक महीने पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया था कि अप्रैल माह में पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच भीषण जुबानी जंग के साथ शुरू हुई अंदरूनी कलह अब सुलझ गई है. इससे पहले सोमवार (23 अगस्त) को वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में भी कहा था कि अब सिद्धू और अमरिंदर के बीच कोई विवाद नहीं है. बता दें कि अमरिंदर की आपत्ति के बावजूद भी सिद्धू हाल ही में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गये हैं. हालांकि, मंगलवार का विद्रोह अप्रैल में उपजे विद्रोह से भी अधिक गंभीर दिखता है.More Related News