क्या न्यू इंडिया में होने वाले आज़ादी के जश्न में जवाहरलाल नेहरू की कोई जगह नहीं है
The Wire
भारत की स्वतंत्रता के 75 साल का जश्न मनाने के लिए चल रहे 'आज़ादी के अमृत महोत्सव' के आधिकारिक पत्राचार में देश के वर्तमान और एकमात्र 'प्रिय नेता' का ही ज़िक्र और तस्वीरें दिखाई दे रहे हैं.
14 अगस्त, 1947 की आधी रात में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संसद में खड़े होकर एक भाषण पढ़ा, जो अपने आप में मिसाल बन गया. एक ऐसा भाषण जो आज भी इसे पढ़ने या सुनने वाले हर व्यक्ति के रोंयें खड़े करने की क्षमता रखता है. The website allows you to log in using your phone number, name, or Google SSO. It then uses your device location to allow you to pin a digital flag on your current location. Owing to the poor design and privacy policy of the website, it can put your data at harm. (2/7) pic.twitter.com/c0gqOCPBJs
उन्होंने कहा था, ‘बहुत साल पहले हमने नियति से एक सौदा किया था, और आज वो समय आ गया है जब हम अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करें, पूर्ण रूप से नहीं लेकिन बहुत हद तक. जब घड़ी आधी रात होने का इशारा देगी, जब सारी दुनिया सो रही होगी, भारत जागेगा इसके जीवन के लिए, आज़ादी के लिए.’ — Internet Freedom Foundation (IFF) (@internetfreedom) August 6, 2022
आज पचहत्तर साल बाद पूरे देश में सरकार द्वारा अनिवार्य ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ का कार्यक्रम पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है और लोग अपनी खिड़कियों से (पॉलिएस्टर के) तिरंगे लहरा रहे हैं, नेहरू उनकी अनुपस्थिति के बीच भी अलग से दिखाई दे रहे हैं. न केवल उनके नाम और छवि को सभी आधिकारिक पत्राचार से हटा दिया गया है, हमें नेशनल हेराल्ड, वो अख़बार जो उन्होने शुरू किया था, जिसके दफ्तरों को ईडी ने अस्थायी तौर पर सील किया है, में उनकी तस्वीर जंजीरों के पीछे दिखाई देती है.
इस व्यक्ति को और महत्वपूर्ण बनाते हुए ईडी ने उनके वंशजों से घंटों पूछताछ की, उनके प्रपौत्र-प्रपौत्री को दिल्ली पुलिस द्वारा विरोध प्रदर्शनों से जबरन उठाया गया और सोनिया गांधी के घर के बाहर पुलिसकर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी तैनात कर दी गई.