क्या दिल्ली में 25 अक्टूबर से बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट पेट्रोल नहीं मिलेगा?
AajTak
दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए केजरीवाल सरकार ने फैसला लिया था कि बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट के पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल/डीजल/CNG नहीं मिलेगा. लेकिन मंत्री गोपाल राय ने जानकारी दी है कि अभी के लिए उस फैसले को टाल दिया गया है, यानी कि 25 अक्टूबर से ये योजना लागू नहीं होने वाली है.
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति हमेशा से ही एक बड़ा मुद्दा रहा है. पिछले कुछ सालों में तो इस मुद्दे ने सभी का ध्यान खींचा है. दिल्ली सरकार के लिए भी प्रदूषण पर काबू पाना एक चुनौतीपूर्ण काम रहा है. इसी वजह से पहले दिल्ली सरकार ने ऐलान किया था कि दिल्ली में बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट के पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल/डीजल/CNG नहीं मिलेगा. लेकिन अब पर्यावरण विभाग के मंत्री गोपाल राय ने इस फैसले पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी है.
क्यों टाला गया फैसला?
बताया जा रहा है कि अभी के लिए इस फैसले को रोक दिया गया है. इस बारे में गोपाल राय कहते हैं कि पेट्रोल और डीजल एसोसिएशन ने लॉ एन्ड ऑर्डर से सम्बंधित काफी सुझाव दिए हैं. इस मामले में मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करने के बाद फैसला लिया जाएगा. फ़िलहाल 25 अक्टूबर से इस योजना को लागू नहीं कर रहें हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की थी कि 25 अक्टूबर से वैध पीयूसीसी दिखाए बिना वाहन मालिकों को दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर ईंधन उपलब्ध नहीं कराया जाएगा. अधिकारी के अनुसार, सरकार ने पेट्रोल पंपों के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रवर्तन टीमों का गठन किया था. तब जानकारी दी गई थी कि कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) जैसे विभिन्न प्रदूषकों के लिए वाहनों का समय-समय पर उनके मानकों के लिए परीक्षण किया जाता है, जिसके बाद उन्हें PUC सर्टिफिकेट दिया जाता है.
इसे जरूरी क्यों बताया गया?
वैसे लंबे समय से दिल्ली में इस सख्ती की मांग की जा रही थी. असल में दिल्ली में वाहनों का प्रदूषण एक बड़ा फेक्टर है. PUC चेकिंग के लिए बड़ी टीम तैनात की गई है, लेकिन एक रिपोर्ट में समाने आया है कि इस मामले में बड़ा तबका लापरवाही कर रहा है और प्रदूषण सर्टिफिकेट रिन्यूअल नहीं करवा रहा है, ऐसे में गाड़ियों से प्रदूषित धुआं दिल्ली की हवा ख़राब कर रहा है. लेकिन अभी के लिए उस फैसले को टाल दिया गया है. कब से लागू किया जाएगा, अभी तक स्पष्ट नहीं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.