
क्या चीन की लैब में पैदा हुआ कोरोना; जाँच पर भारत भी आया सामने
BBC
24 मई को बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के पीछे चीन हो सकता है, इसलिए सभी भारतीयों को एकजुट रहना चाहिए.
कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. गुरुवार को अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से कोरोना वायरस की उत्पत्ति की दूसरे चरण की जाँच आगे बढ़ाने को कहा था. अमेरिका ने ये भी कहा है कि चीन में स्वतंत्र विशेषज्ञों को वास्तविक डेटा और नमूनों तक पहुँच मिलनी चाहिए. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ख़ुफ़िया एंजेंसियों से कहा है कि अपनी कोशिशों को तेज़ करें और 90 दिनों के अंदर ऐसी जानकारी जुटाएं, जिसके आधार पर किसी ठोस नतीजे के क़रीब पहुँचा जा सके. अब भारत ने भी इस मामले में अपनी राय रखी है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, ''विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोविड-19 की उत्पति से जुड़ी जाँच का अध्ययन एक अहम क़दम है. इस मामले में अगले चरण की जाँच की ज़रूरत है ताकि किसी निष्कर्ष पर पहुँचा जा सके. इस जाँच और अध्ययन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को सभी से मदद मिलनी चाहिए.'' 24 मई को बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के पीछे चीन हो सकता है, इसलिए सभी भारतीयों को एकजुट रहना चाहिए. इंदौर में एक कार्यक्रम में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था, ''इस बात पर बहस हो रही है कि कोरोना की यह लहर प्राकृतिक है या किसी ने जानबूझकर फैलाई गई है. अगर दुनिया में कोई चीन को चुनौती दे रहा है तो वो मोदी जी हैं. क्या चीन इसी का जवाब दे रहा है? मेरा मानना है कि यह चीन का वायरस वार है क्योंकि कोरोना न तो बांग्लादेश में न भूटान में और न ही पाकिस्तान में इस तरह से आया.''More Related News