क्या औरंगज़ेब वाकई हिंदुओं से नफ़रत करते थे?
BBC
पीएम मोदी ने दिल्ली के लाल किले से भारत के सबसे कठोर शासक माने जाने वाले औरंगज़ेब का जिक्र किया. उनके इस भाषण की सोशल पर काफी चर्चा है.
सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अप्रैल को लाल किले से देश को संबोधित किया. उन्होंने गुरु तेग बहादुर के बलिदान का जिक्र करते हुए कहा कि गुरुद्वारा शीशगंज साहिब हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था.
उन्होंने कहा, "उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आँधी आई थी. धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्मशोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थे जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी."
"उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए एक बड़ी उम्मीद गुरु तेगबहादुर जी के रूप में दिखी थी. औरंगजेब की आततायी सोच के सामने उस समय गुरु तेगबहादुर जी, 'हिन्द दी चादर' बनकर, एक चट्टान बनकर खड़े हो गए थे."
पीएम मोदी के संबोधन में औरंगेजब के जिक्र के बाद सोशल मीडिया पर भी ये ट्रेंड करने लगा.
बीबीसी ने मुगल शासक औरंगज़ेब की बरसी पर 3 मार्च 2018 को एक लेख प्रकाशित किया था. इस लेख में पढ़िए, इतिहासकार औरंगज़ेब के शासन को कैसे आंकते थे?