क्या इमरान खान को पाकिस्तान के PM पद से हटाना चाहता है अमेरिका, ये हो सकती है वजहें?
AajTak
इमरान खान को हटाने के लिए कौन सी विदेशी ताकत साजिश रच रही है? पाकिस्तान की मीडिया और सियासी गपशप में इस घटनाक्रम के पीछे अमेरिका का नाम लिया जा रहा है? क्या अमेरिका सच में ऐसा चाहता है? क्या अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्ते इस कदर खराब हो चुके हैं?
प्रधानमंत्री पद की कुर्सी गंवाने के करीब पहुंच चुके इमरान खान ने ये कहकर सनसनी मचा दी है कि कुछ विदेशी ताकतें नहीं चाहतीं कि वे पाकिस्तान के पीएम बने रहें. इमरान के इन आरोपों पर पाकिस्तान की राजनीति और भी उबल पड़ी. सवाल ये था कि आखिर कौन सा देश है जो इमरान खान को लेकर ऐसा चाहता है. ये भी कि क्या इमरान के इन आरोपों में दम भी है या फिर वे सहानुभूति बटोरने के लिए ऐसा बयान दे रहे हैं. इस सवाल का जवाब इमरान खान के समर्थक तो जानना चाह ही रहे हैं, पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों की भी इसमें दिलचस्पी है.
पाकिस्तान की PML-N के नेता शाहबाज शरीफ ने पूछा कि इमरान बताएं कि उन्हें कौन सा मुल्क सत्ता से हटाना चाहता है अन्यथा वे पाकिस्तान को बरगलाना बंद करें. दबाव पड़ने पर इमरान ने एक सीक्रेट चिट्ठी का कंटेंट पत्रकारों को दिखाया. पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया का कहना है कि इमरान ने पत्रकारों को बताया है कि ये चिट्ठी पाकिस्तानी डिप्लोमैट ने विदेशी अधिकारी को लिखी थी. इमरान खान ने जिस चिट्ठी को 'साजिश' के तौर पर बताया, वो चिट्ठी दरअसल एक डिप्लोमैटिक केबल है. इस चिट्ठी को अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत असद मजिद खान ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भेजा है. ये केबल असद मजिद खान और एक शक्तिशाली देश के सीनियर अधिकारी के बीच बातचीत का हिस्सा है.
इमरान की विदेश नीति से कौन सा देश नाराज?
इस केबल के अनुसार इस देश को प्रधानमंत्री इमरान खान की विदेश नीति, विशेष रूप से उनकी हाल की रूस यात्रा और यूक्रेन युद्ध पर इमरान की नीति से दिक्कत थी. विदेश के इस अधिकारी ने पाकिस्तानी अधिकारी को कहा था कि अगर अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ इमरान खान जीत जाते हैं यानी कि उनकी सरकार बरकरार रह जाती है तो पाकिस्तान के लिए इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं.
अमेरिका को देनी पड़ी सफाई
डॉन अखबार के अनुसार ये बात निकलकर सामने आई है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत असद मजीद ने दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू के साथ अपनी बैठक के आधार पर ये केबल भेजा था. तो क्या अमेरिका पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को हटाना चाहता है? इस केबल की चर्चा होते ही अमेरिका ने सफाई दी. अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को कहा कि किसी भी अमेरिकी सरकारी एजेंसी या अधिकारी ने पाकिस्तान की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर पाकिस्तान को पत्र नहीं भेजा है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.