क्या आप इम्यून रिस्पॉन्स कम करनेवाली दवा ले रहे हैं? जानें कोविड-19 वैक्सीन लगवाने पर कैसा होगा असर
ABP News
शोधकर्ताओं का कहना है कि स्टेरॉयड, खास प्रकार की कीमोथेरेपी और इम्यून सिस्टम को दबानेवाली दवाएं कोविड-19 टीकाकरण के लिए रिस्पॉन्स को कम कर सकते हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि क्या इन मरीजों को कोविड-19 की वैक्सीन लगवानी चाहिए?
कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर निर्धारित दवाओं का इस्तेमाल कोविड-19 की गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को बढ़ा सकता है. इसके अलावा, शोधकर्ताओं का कहना है कि ये दवाएं कोविड-19 के असर को भी कम कर सकती हैं. हम बात कर रहे हैं शरीर के सामान्य इम्यून रिस्पॉन्स को कम करनेवाली दवाओं के बारे में जिनका आम तौर से ऑटो इम्यून रोगों जैसे रूमेटाइड गठिया और ल्यूपस का इलाज करने में इस्तेमाल होता है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम हमला कर स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट कर देता है. इम्यून रिस्पॉन्स कम करनेवाली दवाओं का निर्माण मरीज के टिश्यू पर इस हमले को रोकने के लिए होता है. ऑटो इम्यून रोगियों का आम तौर पर सूजन कम करनेवाली दवाइयों से इलाज किया जाता है. ऑटो इम्यून बीमारी में शरीर अपने इम्यून सिस्टम और स्वस्थ्य कोशिकाओं पर ही हमला करने लगता है. दूसरी तरफ, शरीर का इम्यून सिस्टम अंगों और टिश्यू को नुकसान पहुंचाने लगता है, तो शरीर में जलन और सूजन होने लगती है. उस स्थिति को ल्यूपस बीमारी के रूप में जाना जाता है. ये दवाइंया ऑर्गन ट्रांसप्लांट के वक्त प्रत्यारोपित अंग पर हमले से इम्यून सिस्टम को रोकने के लिए भी निर्धारित की जाती हैं. खास प्रकार की कीमोथेरेपी भी इम्यून सिस्टम को दबा सकती है. हालांकि, इन दवाइयों का इस्तेमाल पुरानी स्थिति वाले लोगों के साथ सीमित है, लेकिन इम्यून रिस्पॉन्स कम करनेवाली एक आम इस्तेमाल की दवा स्टेरॉयड चिंता का कारण है.More Related News