क्या अमेरिका के बाद कनाडा से भी गायब हो जाएगा वामपंथ, क्यों सारे बड़े देश अब लिबरल के टैग से बच रहे?
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इंटरनेशनल मंच पर बेतुकी बयानबाजियों के चलते जस्टिन ट्रूडो अपने ही देश में ऐसे घिरे कि इस्तीफा देना पड़ गया. कयास हैं कि विपक्षी पार्टी के नेता पियरे पोइलिवरे ट्रूडो की जगह ले सकते हैं. पोइलिवरे दक्षिणपंथी सोच के लिए जाने जाते हैं. अमेरिका में भी डोनाल्ड ट्रंप के साथ वामपंथ किनारे हो गया. यूरोप में भी कमोबेश यही हाल है. तो क्या लेफ्ट की राजनीति से विदाई हो जाएगी?
सोमवार को जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई पीएम के पद से इस्तीफा देने का एलान किया. खुद को फाइटर बताते हुए ट्रूडो ने लंबी भूमिका रची लेकिन किसी के लिए भी इस्तीफा चौंकाने वाला नहीं था. अमेरिका से लेकर भारत तक से रिश्ते बिगाड़ चुके ट्रूडो अपने देश में भी साख गंवा चुके थे. माना जा रहा है कि अब कनाडा में दक्षिणपंथ आएगा. कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलिवरे खुद को कट्टर दक्षिणपंथी मानते हैं और अक्सर ही वोक लीडरशिप के खिलाफ बोलते रहे. इसका एक मतलब ये भी है कनाडा से लेकर अमेरिका समेत तमाम देशों में फिलहाल दक्षिणपंथ की हवा तेज है. क्या है इसकी वजह?
क्या है दक्षिण और वामपंथ? आजकल ये दोनों ही शब्द खूब कहे जा रहे हैं. इनकी शुरुआत फ्रांस से हुई. 18वीं सदी के आखिर में वहां के 16वें किंग लुई को लेकर नेशनल असेंबली के सदस्य भिड़ गए. एक हिस्सा राजशाही के पक्ष में था, दूसरा उसके खिलाफ. जो लोग राजसत्ता के विरोध में थे, वे लेफ्ट में बैठ गए, जबकि सपोर्टर राइट में बैठ गए. विचारधारा को लेकर बैठने की जगह जो बंटी कि फिर तो चलन ही आ गया. यहीं से लेफ्ट विंग और राइट विंग का कंसेप्ट दुनिया में चलने लगा.
काफी महीन है दोनों का फर्क जो भी लोग कथित तौर पर उदार सोच वाले होते हैं, माइनोरिटी से लेकर नए विचारों और LGBTQ का सपोर्ट करते हैं, साथ ही अक्सर सत्ता का विरोध करते हैं, वे खुद को वामपंथी यानी लेफ्ट विंग का बोल देते हैं. इसके उलट, दक्षिणपंथी अक्सर रुढ़िवादी माने जाते हैं. वे देशप्रेम और परंपराओं की बात करते हैं. धर्म और धार्मिक आवाजाही को लेकर भी उनके मत जरा कट्टर होते हैं. यूरोप के संदर्भ में देखें तो वे वाइट सुप्रीमेसी के पक्ष में, और चरमपंथी मुस्लिमों से दूरी बरतने की बात करते हैं.
इन देशों में दक्षिण सोच आगे
यूरोप की बात करें तो फिलहाल वहां इटली, फिनलैंड, स्लोवाकिया, हंगरी, क्रोएशिया और चेक रिपब्लिक में दक्षिणपंथ की सरकार है. स्वीडन और नीदरलैंड में लिबरल सरकारें लगभग बैसाखी पर हैं. यहां तक कि यूरोपियन पार्लियामेंट में भी राइट विंग का दबदबा दिख रहा है. अमेरिका में तो खुले तौर पर ट्रंप लिबरल्स से दूरी बताते हैं.
शुरू से शुरुआत करें तो राजनीति जस्टिन ट्रूडो की नियति थी क्योंकि उनका जन्म पीएम हाउस में हुआ था. 1971 में जब दुनिया क्रिसमस का जश्न मना रही थी. प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो के घर 24 ससेक्स ड्राइव (कनाडा पीएम का आधिकारिक आवास) पर जस्टिन का जन्म हुआ. जस्टिन को गुड लुक्स, सुडौल शरीर और आकर्षक कद-काठी अपने पिता से ही विरासत में मिली है.
कनाडा की छवि दुनिया में बदल रही है. जस्टिन ट्रूडो की नीतियों ने देश को आतंकवादियों का पसंदीदा स्थान बना दिया है. अमेरिका भी चिंतित है कि आतंकवादी कनाडा से उसकी सीमा में घुस सकते हैं. कनाडा में इस्लामी आतंकवादी समूह हिज्ब उत-तहरीर की बैठक होने जा रही है, जिसमें गैर-मुस्लिम देशों को हराने की रणनीति बनाई जाएगी. VIDEO
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद खबर आ रही है कि कनाडा में जल्द ही इस्लामिक आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर एक कॉन्फ्रेंस करने करने जा रहा है. यह खलीफा कॉन्फ्रेंस 18 जनवरी 2025 को कनाडा के मिसिसॉगो में आयोजित की जाएगी. यह कॉन्फ्रेंस इस्लामिक खिलाफत की बहाली और शरिया कानून लागू करने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की जाएगी.
पिछले साल 2024 में ईरान में 901 लोगों को फांसी दी गई, जिनमें 31 महिलाएं भी शामिल थीं. इनमें से अधिकांश ड्रग से संबंधित अपराधों के लिए फांसी चढ़ाए गए, जबकि कुछ राजनीतिक असंतोष और महसा अमिनी की मौत के विरोध प्रर्दशनों में शामिल थे. फांसी की सजा पाने वाली एक महिला ऐसी भी थी जिसने अपनी बेटी को रेप से बचाने के लिए पति की हत्या कर दी थी.