
क्या अंग्रेज़ों के समय भारत के सारे राजा अय्याश और ख़राब शासक थे?
BBC
भारतीय रियासतों के सभी शासकों की ख़राब छवि गढ़ने के पीछे अंग्रेज़ों की अपनी रणनीति थी. उन्होंने पाया कि कई राजाओं का काम काफी बढ़िया था, लेकिन उनकी उतनी चर्चा नहीं हुई. आख़िर क्यों?
भारत में आज़ादी से पहले जो राजा-महाराजा थे उनकी छवि ऐसी है जिसमें हाथी-घोड़े, नर्तकियाँ, राजमहल की कल्पना तैरने लगती है. मगर क्या वो बस ऐसे ही थे? इतिहासकार मनु पिल्लई ने भारत के महाराजाओं के दौर का फिर से अवलोकन किया है.
यदि आप गहनों से लदी उनकी तस्वीरों, महलों और भव्य दरबारों के परे देखेंगे, तो भारत के इन महाराजाओं के बारे में कुछ और भी बातें पता चल पाएंगी. आप ये पाएंगे कि उनका बहुत तिरस्कार किया गया, मज़ाक बनाया गया, और मज़ा लेने के इरादे से उनकी ज़िंदगी को एक कौतूहल की चीज़ बना दिया गया.
अंग्रेजों ने अपने जमाने में "देशी" राजकुमारों को घोर पतनशील इंसानों के रूप में पेश किया, जिनका मन राज-काज से ज़्यादा सेक्स और फ़ैशन जैसी चीज़ों में रमता था.
उदाहरण के लिए, एक गोरे अधिकारी ने महाराजाओं को "दैत्य जैसे, मोटे, दिखने में घिनौने" और किसी नाचने वाली की तरह "हार-कुंडल पहने" इंसानों के रूप में बताया. उसने कहा कि ये महाराजा गोरों जैसे नहीं बल्कि स्त्रियों की तरह दिखने वाले "बेवकूफ़" हैं.