कौशांबी: दरोगा ने दो दलितों को पुलिस चौकी में बंद करके रातभर डंडे से पीटा, जुर्म कबूल करने का बनाया दबाव
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UP News: आरोप है कि गांव के सीताराम और जीतलाल पर पुलिस ने जबरन किशोरी को भगाने का जुर्म कबूल करने का दबाव बनाया. पुलिस की बात न मानने पर चौकी प्रभारी ने उन्हें लॉकअप में बंद कर रातभर डंडे से पीटा और नाजुक अंगो में मारा.
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. मंझनपुर कोतवाली के शमशाबाद चौकी के दरोगा ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर दीं. दो दलितों को पूछताछ के लिए चौकी बुलाया और कमरे में बंद कर उनकी बेरहमी से पिटाई की. पीड़ितों ने एसपी दफ्तर पहुंचकर अफसरों को अपने पिटाई के जख्म दिखाकर इंसाफ की गुहार लगाई है. एसपी हेमराज मीणा ने पीड़ित की शिकायत को गंभीरता से लिया और दरोगा अजीत उपाध्याय को लाइन हाजिर कर दिया.
बापुर शमशाबाद गांव से पिछले दिनों एक नाबालिग लड़की गायब है. जिसकी तहरीर मिलने पर मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने स्थानीय चौकी शमशाबाद पुलिस के इंचार्ज को मामले की जांच सौपी. चौकी प्रभारी ने जांच के बहाने कई लोगों को चौकी बुलाया और पूछताछ की. लेकिन नाबालिग का कोई सुराग नहीं मिला.
आरोप है कि गांव के सीताराम और जीतलाल पर पुलिस ने जबरन किशोरी को भगाने का जुर्म कबूल करने का दबाव बनाया. पुलिस की बात न मानने पर चौकी प्रभारी ने उन्हें लॉकअप में बंद कर रातभर डंडे से पीटा और नाजुक अंगों में मारा.
एसपी हेमराज मीणा ने बताया, पीड़ित की शिकायत पर जांच कराई गई. जिसमे दरोगा पर लगे आरोप सही पाए गए. प्रकरण की विभागीय जांच एडिशनल एसपी को सौंपी गई है. जांच पूरी होने तक दरोगा को चौकी इंचार्ज से हटा कर पुलिस लाइन भेज दिया गया है.
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