कौन हैं ED के डायरेक्टर संजय मिश्रा? जिनका कार्यकाल बढ़ाने पर छिड़ा है विवाद
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संजय मिश्रा 1984 बैच के IRS अधिकारी हैं. संजय मिश्रा को आर्थिक विशेषज्ञ भी कहा जाता है और इनकम टैक्स के कई मामलों की जांच में अहम भूमिका भी निभा चुके हैं. यही वजह है कि उन्हें ईडी चीफ नियुक्त किया गया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने उनके कार्यकाल को बढ़ाने का आदेश रद्द कर दिया है.
देश की सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार केंद्र सरकार को बड़ा झटका तब दे दिया जब ED चीफ संजय मिश्रा को तीसरा एक्सटेंशन देने का आदेश रद्द कर दिया गया. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि ED चीफ का तीसरी बार एक्सटेंशन सही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी निदेशक का तीसरी बार सेवा विस्तार अवैध और कानून में अमान्य है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को राहत देते हुए सेवा विस्तार के नियम वाले कानून में संशोधन को सही माना है.
कोर्ट ने इस दौरान कहा कि संजय मिश्रा 31 जुलाई 2023 तक इस पद पर बने रहेंगे. ताकि सुचारू परिवर्तन और सत्ता हस्तांतरण सुनिश्चित किया जा सके, क्योंकि आने वाले समय में एफएटीएफ की समीक्षा होनी है. विपक्ष लगातार इस सेवा विस्तार का विरोध कर रहा था. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक्सटेंशन के आदेश को रद्द करने के बाद विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा. ऐसे में आइए जान लेते हैं कि संजय मिश्रा कौन हैं, जिन्हें लेकर इतना बवाल मचा हुआ है.
कौन हैं ED चीफ संजय कुमार मिश्रा?
संजय मिश्रा संजय कुमार मिश्रा 1984 बैच के IRS अधिकारी हैं. संजय मिश्रा को आर्थिक विशेषज्ञ भी कहा जाता है और इनकम टैक्स के कई मामलों की जांच में अहम भूमिका भी निभा चुके हैं. यही वजह है कि उन्हें ईडी चीफ नियुक्त किया गया था. ईडी चीफ बनने से पहले मिश्रा दिल्ली में इनकम टैक्स विभाग में चीफ कमिश्नर पद पर तैनात थे. बता दें कि संजय मिश्रा को पहली बार 19 नवंबर 2018 को दो साल की अवधि के लिए ईडी निदेशक नियुक्त किया गया था. उन्हें नवंबर, 2020 में पद छोड़ना था, लेकिन इससे पहले मई में वे 60 साल यानी रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच गए थे. नवंबर 2020 में उनका कार्यकाल खत्म होने से पहले केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल 2 साल की जगह बढ़ाकर तीन साल कर दिया था.
इसके बाद केंद्र सरकार नवंबर 2021 में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अधिनियम के साथ-साथ दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाई थी, इसके तहत सीबीआई और ईडी चीफ को 1-1 साल के तीन सेवा विस्तार देने का प्रावधान है. बाद में यह संसद में भी पारित हो गया.
एक के बाद एक मिले एक्सटेंशन
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