कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक V: भारत के कोविड-19 वैक्सीनों के बारे में हम क्या जानते हैं
BBC
देश की ड्रग नियामक संस्था ने माना है कि रूस में तैयार वैक्सीन स्पुतनिक V सुरक्षित है.
21 जून, 2021 से देश में नई वैक्सीन पॉलिसी लागू हुई है और इसके पहले ही दिन 80 लाख लोगों को वैक्सीन की ख़ुराक दी गई है. भारत में अब तक 28 करोड़ से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक ख़ुराक मिल चुकी है जबकि पांच करोड़ से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन की दोनों ख़ुराक मिल चुकी है. भारत में वैक्सीनेशनल की रफ़्तार तेज़ होने के साथ साथ उपलब्ध वैक्सीन की संख्या भी बढ़ी है. कोरोना संक्रमण की दूसरी घातक लहर के दौरान भारत में कोरोना वायरस की तीसरी वैक्सीन के तौर पर रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V को आपातकालीन उपयोग के लिए मंज़ूरी दी गई. इससे पहले एक एक्सपर्ट पैनल ने कोरोना के आपातकालीन मामलों में वैक्सीन के इस्तेमाल को मंज़ूर करने की सिफ़ारिश की थी. देश की ड्रग नियामक संस्था ने माना है कि रूस में विकसित कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक V सुरक्षित है. यह वैक्सीन ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन की तरह ही काम करता है. साइंस जर्नल 'द लैंसेंट' में प्रकाशित आख़िरी चरण के ट्रायल के नतीजों के अनुसार स्पुतनिक V कोविड-19 के ख़िलाफ़ क़रीब 92 फ़ीसद मामलों में सुरक्षा देता है. इस वैक्सीन की मंज़ूरी के साथ अब कोविड-19 से बचाव की तीन वैक्सीन उपलब्ध हैं. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया और ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका के सहयोग से बनी कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस की स्पुतनिक V.More Related News