कोविशील्ड और जॉनसन की वैक्सीन न लगाने वाले देश उसकी बचे हुए डोज़ का क्या करेंगे
BBC
अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, डेनमार्क जैसे देशों ने एस्ट्रोजेनेका और जॉनसन ऐंड जॉनसन के टीकों को रोकने का फ़ैसला लिया है
कोरोना के क़हर से बचने के लिए कई देश अधिक से अधिक वैक्सीन पाने के लिए जूझ रहे हैं. ऐसे वक़्त कई देशों को यह सूझ नहीं रहा है कि वे उन ख़ुराकों का क्या करेंगे जिसे उन्होंने हासिल तो कर लिया पर इसके प्रयोग से स्वास्थ्य समस्याएं होने की ख़बरों के बाद इसे यूं ही पड़े रहने को छोड़ दिया है. ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका (कोविशील्ड) और जॉनसन एंड जॉनसन (जेनसेन) के टीकों से ख़ून के थक्के जमने की रिपोर्टें मिलने के बाद कई देशों ने इसे युवाओं को न देने का फ़ैसला किया है. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर यानी एफ़डीए और रोग नियंत्रण और प्रतिरोधक केंद्र ने 18 से 48 साल की उम्र की छह महिलाओं के शरीर में टीके के बाद ख़ून के दुर्लभ थक्के जमने का मामला सामने आने के बाद जॉनसन ऐंड जॉनसन के टीके पर रोक लगा दी थी. ब्रिटेन में भी कोविशील्ड के टीके को लेकर ऐसी ही आशंकाएं जताई गईं. डेनमार्क ने तो एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड पर पूरी तरह रोक लगा दी है. इसके बाद दूसरे देशों की नज़र डेनमार्क के इस्तेमाल न हो रहे इन टीकों पर गई है. चेक गणराज्य ने डेनमार्क के पास मौज़ूद सभी एस्ट्राजेनेका टीके खरीदने की पेशकश की है. इस तरह की रुचि एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया जैसे देशों ने भी दिखाई है.More Related News