कोविन पोर्टल पंजीकरण के लिए दस्तावेज़ न होने पर किसी क़ैदी को टीके से वंचित नहीं कर सकते: कोर्ट
The Wire
ओडिशा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि किसी भी क़ैदी को इस आधार पर कोविड टीकाकरण से वंचित न रखा जाए कि वह कोविन पोर्टल पर पहचान संबंधी दस्तावेज़ों के अभाव में ख़ुद को पंजीकृत नहीं कर सका. अदालत ने कहा ऐसे क़ैदियों को टीका लगाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं होनी चाहिए.
नई दिल्ली: देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच 18 से 45 की उम्र के नागरिकों के लिए टीकाकरण पंजीकरण बुधवार शाम से शुरू हो गया है. इससे पहले जेलों में बंद कैदियों को घातक कोरोना वायरस से बचाने के उद्देश्य से उनका टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए ओडिशा हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्देश दिए. लाइव लॉ के अनुसार, जस्टिस एस. मुरलीधर और जस्टिस बीपी राउत्रे पीठ राज्यों की जेलों के मुद्दों से जुड़ी दो याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी. इनमें से एक पंद्रह साल पुरानी रिट याचिका थी और एक सात साल पुरानी जनहित याचिका. सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी (न्यायमित्र) वरिष्ठ वकील गौतम मिश्रा ने अदालत को बताया कि कई कैदियों के पास टीकाकरण के लिए पंजीकरण करने वाले ‘कोविन पोर्टल’ पर खुद को रजिस्टर करने के लिए पहचान संबंधी दस्तावेज नहीं हैं.More Related News