
कोविड-19: रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर भाजपा लगातार विवादों में क्यों है?
The Wire
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कथित जमाखोरी को लेकर मुंबई पुलिस द्वारा एक फार्मा कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ पर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस आदि ने आपत्ति जताई थी. इसे लेकर शिवसेना के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं. बीते दिनों गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल भी इन इंजेक्शनों को मुफ़्त बांटने को लेकर विवादों के केंद्र में आ गए थे.
मुंबई/नागपुर: कोरोना वायरस के इलाज में महत्वपूर्ण मानी जाने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर गुजरात में हुआ विवाद अभी थमा भी नहीं था कि महाराष्ट्र में यह फिर राजनीतिक तनातनी के केंद्र में आ गया है. इसकी वजह से शिवसेना नेतृत्व वाला सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं. जब देश के कोने-कोने से लोग रेमडेसिविर उपलब्ध कराने की गुहार लगा रहे हैं और तमाम लोग जान बचाने के लिए किसी तरह एक शीशी रेमडेसिविर जुटाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, उस समय जिम्मेदार पद पर रह चुके भाजपा नेता का रेमडेसिविर की जमाखोरी करने का कृत्य मानवता के खिलाफ अपराध है। pic.twitter.com/arIl5fTnGO शिवसेना ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कथित जमाखोरी और निर्यात को लेकर मुंबई पुलिस द्वारा एक फार्मा कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ पर आपत्ति जताए जाने को लेकर सोमवार को भाजपा नेताओं देवेंद्र फडणवीस और प्रवीण दारेकर की आलोचना की और जानना चाहा कि क्या यह कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था को खराब करने का षड्यंत्र है? — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 19, 2021 शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में भाजपा पर आरोप लगाया है कि उसका (भाजपा का) स्पष्ट एजेंडा है कि महाराष्ट्र सरकार कोविड-19 की रोकथाम में असफल रही है. शिवसेना का दावा है कि विपक्ष लगातार केंद्र सरकार की मदद से इस दिशा में प्रयास कर रहा है. मुखपत्र में कहा गया है कि लोगों की जीवन रक्षा के मुद्दे पर कम से कम महाराष्ट्र सरकार और विपक्ष को एकमत होना चाहिए और कोविड-19 के मरीजों के इलाज में आवश्यक दवाओं की कमी से हो रही लोगों की मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.More Related News