कोविड-19: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा, ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना केंद्र का काम
The Wire
ऑक्सीजन टैंकरों को विभिन्न राज्यों द्वारा रोकने के संबंध में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य सहित हर राज्य से यह अपेक्षा की जाती है कि वह ऑक्सीजन की आवाजाही को बाधित न करें. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से अस्पतालों में समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा आ सकती है, जो संकट के इस समय में जीवन बचाने के लिए महत्वपूर्ण है.
भोपाल: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बीते 26 अप्रैल को एक रिट याचिका में दायर तीन अंतरिम आवेदनों को संज्ञान में लिया, जो सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्वनी कुमार द्वारा भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) को 8 जून 2020 को भेजे गए पत्र पर दर्ज किया गया था. लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने टिप्पणी की, ‘इस न्यायालय की राय में यह विभिन्न राज्यों को ऑक्सीजन का कोटा आवंटित करने वाली केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि उसके निर्देशों का अनुपालन हो और अंतर्राज्यीय आवागमन के मामले में जहां ऑक्सीजन पहुंचना है वहां ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो.’ पहला आवेदन शांति मंच समिति द्वारा ऑक्सीजन की भारी कमी, अस्पतालों में बेड की कमी और मृतक व संक्रमित मरीजों के आंकड़ों में हेरफेर के संबंध दाखिल किया गया था. यह कहा गया था कि भारत सरकार ने हाल ही में 1,000 रुपये के शुल्क के भुगतान पर ऑक्सीजन के परिवहन के लिए एलपीजी टैंकरों को परिवर्तित करने का आदेश जारी किया था, लेकिन राज्य प्राधिकरण अपेक्षित अनुमति नहीं दे रहे थे.More Related News