कोविड-19 पर गुजरात सरकार के दावे असलियत से विपरीत: हाईकोर्ट
The Wire
गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दायर जनहित याचिका पर कहा कि लोग अब सोच रहे हैं कि वे भगवान की दया पर हैं. पीठ ने कहा कि लोगों में ‘विश्वास की कमी’ है. इससे पहले स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने कहा था कि प्रदेश ‘स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति’ की तरफ बढ़ रहा है.
नई दिल्ली: गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति और लोगों को हो रही परेशानियों को लेकर बीते सोमवार को राज्य सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि असलियत सरकारी दावों के विपरीत है. मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और जस्टिस भार्गव कारिया की खंडपीठ ने राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दायर जनहित याचिका पर कहा, ‘लोग अब सोच रहे हैं कि वे भगवान की दया पर हैं.’ महाअधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने उच्च न्यायालय को उन कदमों के बारे में जानकारी दी जो राज्य सरकार ने कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए उठाए हैं. इसके बाद अदालत ने कहा कि असलियत सरकारी दावों के उलट है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की गई सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कहा, ‘आप जो दावा कर रहे हैं, स्थिति उससे काफी अलग है. आप कह रहे हैं कि सब कुछ ठीक है, लेकिन वास्तविकता उसके विपरीत है.’More Related News