कोविड-19: दो साल तक ऑनलाइन क्लास लेने के बाद छात्रों का ऑफ़लाइन परीक्षा के विरोध में प्रदर्शन
The Wire
इस बार कई विश्वविद्यालयों ने मई-जून 2022 में समाप्त हो रहे सेमेस्टर के लिए ऑफ़लाइन परीक्षा कराने का फ़ैसला किया है, लेकिन हॉस्टल प्रबंधन, परीक्षा शेड्यूल और हाइब्रिड क्लास टाइमटेबल को लेकर थोड़ी बहुत स्पष्टता के साथ अधिकांश राज्यों में छात्र इस फ़ैसले का विरोध कर रहे हैं.
मुंबईः उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने जब 24 मार्च को ऑफलाइन परीक्षाओं का आयोजन कराने का ऐलान किया तो इसका व्यापक विरोध हुआ था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कहकर इस कदम का समर्थन किया था कि यह कदम सामान्य स्थिति बहाल करने के अनुरूप है और उच्चाधिकार समिति ने यह फैसला लिया है. ऑफलाइन परीक्षाओं के खिलाफ छात्रों के अभ्यावेदन को देखने के लिए बनाई गई इस समिति ने अपनी रिपोर्ट पेन एंड पेपर परीक्षा (ऑफलाइन) के पक्ष में पेश कर थी.
विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी जया कपूर ने कहा, ‘प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों ने खुद पर पेट्रोल छिड़क लिया और अब यह कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बन गई है. जिला प्रशासन ने आग्रह किया है कि कुलपति छात्रों की मांगों पर दोबारा विचार करें, इसलिए 25 मार्च को यह फैसला किया गया कि दूसरे वर्ष के सभी छात्रों को प्रमोट किया जाएगा और तीसरे वर्ष के छात्रों को ऑनलाइन परीक्षा देनी होगी.’
बता दें कि देश के अधिकतर विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली है और परीक्षाएं हर सेमेस्टर (मई-जून और नवंबर-दिसंबर) के अंत में होती हैं.