
कोविड महामारी के दौरान 'फरिश्ता' बनकर करीब 8000 जिंदगियां बचा चुके 'ऑक्सीजन मैन' शाहनवाज़ शेख़
NDTV India
शाहनवाज़ शेख़ मसीहा बनकर मदद की राह पर अकेले निकले थे लेकिन अब 40 लोगों का साथ है. बच्चे भी वॉलेंटियर बनकर उनके साथ जुड़ रहे हैं. शाहनवाज़ कहते हैं, जब शुरुआत की थी तो 4-5 लोग थे, अब 40 की टीम है. हर एक का रोल तय है और टीम बखूबी काम निभा रही है.
51 साल की जैबुनिसा शेख़ अस्थमा की मरीज़ हैं. 20 अप्रैल को पता चला कि उन्हें कोविड है. हालत बेहद ख़राब थी. अस्पताल में जगह मिलती, उससे पहले ही सांसें थमने लगी थीं लेकिन समय रहते 'ऑक्सीजन मैन' शाहनवाज़ शेख़ ने इन तक ऑक्सीजन पहुंचाकर जान बचा ली. पिछले 54 दिन से वे, मुफ्त ऑक्सीजन दे रहे हैं. जैबुनिसा के बेटे आसिफ़ शेख़ कहते हैं, 'वह मंजर मैं भूल नहीं सकता. अगर शाहनवाज़ भाई नहीं होते तो मेरी मम्मी...मतलब....समझ रहे हैं आप...मेरी अम्मी आज हैं तो अल्लाह और शाहनवाज़ भाई की वजह से. हॉस्पिटल में भी उस वक्त ऑक्सीजन नहीं थी, यहां के लोकल हॉस्पिटल में भी नहीं थी. शाहनवाज़ भाई वहां भी ऑक्सीजन दे रहे थे.' 32 साल के शाहनवाज़ शेख़ को आज मुंबई के 'ऑक्सीजन मैन' के नाम से जाना जाता है. ये तमगा और प्यार इन्हें 8,000 ज़िंदगियों को बचाने के कारण मिला है.More Related News