
कोविड पीड़ितों के लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रहा एक स्वैच्छिक संगठन
NDTV India
ऐसे समय जब कई बार कोविड-19 पीड़ितों के परिवार के सदस्य ही संक्रमण के डर के कारण उनके शव को लेने को तैयार नहीं होते, सामाजिक कार्यकर्ता उनके अंतिम संस्कार के लिए आगे आए हैं.
कहा जाता है कि बुरा वक्त ही रिश्तों की सच्ची पहचान करता है. कोविड-19 महामारी इस लिहाज से हर किसी का 'टेस्ट' ले रही है. मुंबई स्थित पूर्व पत्रकार इकबाल ममदानी इस कठिन वक्त में, कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाले मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए आगे आए हैं. इसकी शुरुआत अपने ही समुदाय के शवों के साथ हुई, लेकिन बाद में इकबाल ने जरूरत को देखते हुए, हर धर्म के लोगों के शवों का अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया. 51 वर्ष के इकबाल अब एक तरह से लावारिश शवों के 'मुक्तिदाता' बन गए हैं. वे और उनके साथी अब तक मुंबई में करीब 1400 शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं, इसमें से लगभग 800 हिंदू हैं और 600 मुस्लिम.More Related News