
कोविड त्रासदी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के लिए अब तक सरकार ने क्या किया
The Wire
केंद्र सरकार के मुताबिक़, कोविड महामारी के दौरान क़रीब 1.5 लाख बच्चे अनाथ हुए, जिनमें से 10,386 बच्चों ने दोनों मां-बाप को खो दिया, 1,42,949 बच्चों ने अपने किसी एक अभिभावक को खोया, वहीं 492 बच्चे बेघर हो गए. ऐसे बच्चों के लिए केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी कई योजनाओं के ज़रिये मदद की बात की थी, पर क्या यह मदद सर्वसुलभ हो सकी?
नई दिल्ली: ‘वो बच्चा सिर्फ़ 14 साल का था और मां-बाप दोनों कोविड-19 से ख़तम हो गए थे. बच्चा बाहर खेल रहा था कि मोटरसाइकिल पर उसका कोई विश्वसनीय आदमी आया और बिहार ले गया. वहां नालंदा में ईंट की भट्टी में बतौर बाल मज़दूर उसको बेच आया.’
‘और एक मामला 15 साल की बच्ची का था. वो कमाने के लिए झारखंड से मुंबई गई थी. ठाणे में एक घर में नौकरानी थी. वहां कोविड फैला तो उस बच्ची को बुखार हो गया. उसके मालिक ने कोई टेस्ट करवाया नहीं करवाया और बस घर से निकाल दिया!
बेचारी मुंबई में अकेले कहां-कहां भटकी तो कहीं से उसको मेरा नंबर मिला. मुझे कॉल आया तो मैंने फेसबुक पर उसके लिए पोस्ट लिखा. तब जाकर उसको झारखंड उसके घर लाने की कार्रवाई शुरू हुई. यौन-शोषण के तो इतने मामले रहे कि क्या बताऊं.’
कोविड त्रासदी में अनाथ हुए बच्चों की परिस्थितियों के बारे में जब झारखंड में कार्यरत समाजिक कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार बता रहे थे तो मानो जितनी वीभत्स परिस्थितियों की आप कल्पना कर सकते हैं वह एक सच्चाई के रूप में आपके सामने मुंह बाए खड़ी हो गई.