कोविड टीकाकरण प्रमाण-पत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर को विज्ञापन नहीं माना जा सकता: हाईकोर्ट
The Wire
केरल हाईकोर्ट ने कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण-पत्रों से प्रधानमंत्री की तस्वीर हटाने की मांग करने वाली याचिका को रद्द करने आदेश के ख़िलाफ़ दायर अपील को खारिज़ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को कोविड-19 टीकाकरण पर संदेश देने का पूरा अधिकार है और उनकी तस्वीर को विज्ञापन नहीं माना जा सकता.
कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री को कोविड-19 टीकाकरण पर संदेश देने का पूरा अधिकार है और टीकाकरण प्रमाण-पत्र में उनकी तस्वीर को विज्ञापन नहीं माना जा सकता है.
प्रधान न्यायाधीश एस मणिकुमार और जस्टिस शाजी पी. चाली की खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ दायर एक अपील को खारिज कर दिया.
एकल न्यायाधीश ने पूर्व में कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण-पत्रों से प्रधानमंत्री की तस्वीर को हटाने की मांग करने वाली याचिका को रद्द कर दिया था.
एकल पीठ ने पिछले साल 21 दिसंबर को पीटर म्यालीपरम्पिल द्वारा दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह ‘ओछी’ थी, गलत उद्देश्यों के साथ प्रचार पाने के उद्देश्य के साथ दायर की गई थी व याचिकाकर्ता का शायद राजनीतिक एजेंडा भी था और याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. पीटर ने अदालत के उस फैसले को चुनौती दी थी.