कोविड कहर: भारत में दूसरा कोरोना वैरिएंट इतना ख़तरनाक क्यों है?
BBC
"भारतीय वैज्ञानिकों ने अब तक जीनोम शेयरिंग की दिशा में कोई अच्छा काम नहीं किया है. यह शर्मनाक स्थिति है क्योंकि अगर ये सीक्वेंस रियल टाइम फ्रेम में शेयर किए जाते तो भारत और दुनिया भर के वैज्ञानिकों के लिए सबसे मूल्यवान होते."
भारत में कोरोना का नया वैरिएंट क्या दूसरी लहर को कहीं ज़्यादा ख़तरनाक बना रहा है? क्या यह दुनिया भर में फैल रहा है और क्या यह वैश्विक ख़तरा बन चुका है? भारतीय वैज्ञानिक फ़िलहाल इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं हैं कि कथित डबल म्यूटैंट वायरस, जिसे आधिकारिक तौर पर बी.1.67 कहा जा रहा है, उसकी वजह से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसकी एक वजह तो यही है कि अभी भारत में पर्याप्त जीनोम सीक्वेंस के लिए सैंपल एकत्रित नहीं हो पाए हैं. हालांकि महाराष्ट्र में एकत्रित किए गए सीमित सैंपल में से 61% मामलों में यह वैरिएंट पाया गया है. हालांकि भारत और ब्रिटेन के बीच हवाई यात्रा जारी रहने के चलते यह वैरिएंट ब्रिटेन तक भी पहुंचा. इस सप्ताह की शुरुआत में ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री मैट हेनकॉक ने कहा कि 103 संक्रमितों में भारतीय वैरिएंट पाया गया है. इसके बाद ही भारत को ब्रिटेन उन देशों की सूची में डाल दिया जहां से ब्रिटेन की यात्रा नहीं हो सकती है. हालांकि जीआईएसएआईडी के डेटाबेस के मुताबिक़ इस भारतीय वैरिएंट की पहचान अब तक कम से कम 17 देशों और अमेरिका के 15 राज्यों में हो चुकी है.More Related News