कोलकाता के अस्पताल में आग लगने से बिजली सप्लाई बंद हुई तो डॉक्टर्स ने टॉर्च की रोशनी में की किडनी सर्जरी
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पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के कोलकाता मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में आग लगने की वजह से बिजली आपूर्ति बंद हुई तो डॉक्टर्स ने मोबाइल फोन के टॉर्च की रोशनी में ही किडनी का ऑपरेशन किया. डॉक्टर्स के मुताबिक ऑपरेशन बीच में रोकना और भी खतरनाक हो सकता था.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक मरीज की किडनी का ऑपरेशन चल रहा था. डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ऑपरेशन थिएटर में मरीज का ऑपरेशन करने पहुंचे थे. सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. डॉक्टर्स ने ऑपरेशन करना शुरू भी कर दिया कि इतने में ही बिजली चली गई. डॉक्टर्स के मोबाइल फोन के टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन करने का मामला सामने आया है.
मामला कोलकाता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (केएमसीएच) का है. बताया जाता है कि कोलकाता के केएमसीएच में मंगलवार की दोपहर एक मरीज की किडनी का ऑपरेशन होना था. तय समय पर मेडिकल स्टाफ के साथ डॉक्टर्स भी ऑपरेशन थिएटर पहुंच गए. ऑपरेशन थिएटर में मरीज को भी लाया गया और डॉक्टर्स ने ऑपरेशन शुरू भी कर दिया.
इसी बीच अचानक हॉस्पिटल की बिल्डिंग में आग लग गई. केएमसीएच हॉस्पिटल की बिल्डिंग में आग सर्वर रूम से लगी थी. सर्वर रूम में आग लगने के बाद पूरे हॉस्पिटल की बिजली आपूर्ति ठप हो गई. ऑपरेशन के दौरान बत्ती गुल हो गई और ऑपरेशन थिएटर में घुप्प अंधेरा छा गया. ऑपरेशन के बीच बत्ती गुल हो जाने से वहां मौजूद डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ में हड़कंप मच गया.
डॉक्टर्स ने मोबाइल फोन की रोशनी में ही ऑपरेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फैसला लिया. डॉक्टर्स और वहां मौजूद मेडिकल स्टाफ ने अपने-अपने मोबाइल फोन की बत्ती जलाई और उसी की रोशनी में किडनी का ऑपरेशन पूरा किया. मोबाइल फोन के टॉर्च की रोशनी में डॉक्टर्स ने किडनी के ऑपरेशन को अंजाम दिया.
ऑपरेशन करने वाली टीम में शामिल डॉक्टर ने क्या कहा
बिजली गुल होने के बाद मोबाइल फोन के टॉर्च की रोशनी में किडनी के ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम में शामिल रहे एक डॉक्टर से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बात की. पीटीआई के मुताबिक डॉक्टर ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि ऑपरेशन थिएटर में बिजली आपूर्ति बंद हो गई थी. अगर हम ऑपरेशन को बीच में ही रोक देते तो ये मरीज के लिए और भी खतरनाक होता.
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