कोलकाता कांड: पुलिस-प्रशासन की 10 बड़ी 'गलतियां', जो ममता बनर्जी के लिए मुसीबत बन गईं!
AajTak
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में इंसाफ की मांग करते हुए जूनियर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है. डॉक्टरों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने उनके आवास पर पहुंचा हुआ था.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में इंसाफ की मांग करते हुए जूनियर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांग है कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के साथ मेडिकल एजुकेशन के निदेशक (डीएमई), स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) और स्वास्थ्य सचिव को उनके पदों से हटा दिया जाए. इसके साथ वारदात के बाद सबूतों से छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया गया है.
एक डॉक्टर ने कहा, "हम ऐसे जघन्य अपराधों की निंदा करते हैं. यह अपराध पश्चिम बंगाल सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच सांठगांठ का नतीजा है. इस घटना के बाद सबूतों से छेड़छाड़ की गई है. हम चाहते हैं कि संबंधित अधिकारी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और सुप्रीम कोर्ट जांच प्रक्रिया में तेजी लाएं और दोषियों को बिना किसी देरी के दंडित करें.'' इसके साथ ही सभी अस्पतालों में उचित सुरक्षा व्यवस्था की भी मांग की गई है.
देखा जाए तो इस जघन्य वारदात के बाद से कोलकाता पुलिस और अस्पताल प्रशासन द्वारा लगातार गलतियां की गई हैं, जो कि अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए मुसीबत बन गई हैं. इन्हीं गलतियों और आरोपों के आधार पर सीबीआई ने मेडिकल कॉलेज के एक्स प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला थाने के तत्कालीन प्रभारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया है. दोनों से सीबीआई हिरासत में इस सिलसिले में लगातार पूछताछ की जा रही है.
आइए उन 10 बड़ी गलतियों के बारे में जानते हैं...
1. बलात्कार और हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक्स प्रिंसिपल संदीप घोष को 9 अगस्त की सुबह 9.58 बजे डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की जानकारी मिल गई थी, लेकिन उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना नहीं दी. उन्होंने काफी देर बाद मेडिकल सुपरिटेंडेंट के जरिए से एक अस्पष्ट शिकायत दर्ज कराई, जबकि पीड़िता को दोपहर 12.44 बजे मृत घोषित कर दिया गया था. यहां तक कि उन्होंने इस केस को आत्महत्या बताने की कोशिश की थी.
ये धमाके वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइसेस में हुए हैं. सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक अब जिन कम्युनिकेशन डिवाइसेस में विस्फोट हुआ है, वे हाथ में पकड़े जाने वाले रेडियो हैं. हिज्बुल्लाह ने पेजर्स की तरह ही ये डिवाइस भी करीब पांच महीने पहले खरीदे थे. शीर्ष हिजबुल्लाह अधिकारी हाशेम सफीददीन ने धमाकों को लेकर कहा कि संगठन बुरे समय का सामना कर रहा है, लेकिन इसका बदला लिया जाएगा.
'वन नेशन-वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. इस पर कोविंद कमेटी ने रिपोर्ट दी है. वहीं इसे लेकर पीएम मोदी ने ट्वीट किया है कि कैबिनेट ने एक साथ चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. यह हमारे लोकतंत्र को और भी अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. देखें video
पुणे के अर्न्स्ट एंड यंग में काम करने वाली एक युवती की कथित तौर पर वर्कलोड से मौत हो गई. 26 वर्षीय कर्मचारी की मां का आरोप है कि कंपनी जॉइन करने के कुछ ही महीनों के भीतर उसकी भूख-नींद सब खत्म होने लगी, जिसका ये अंजाम हुआ. ये तो एक्सट्रीम केस है, लेकिन कॉर्पोरेट में काम करने वालों के लिए वर्क प्रेशर नई बात नहीं.