
कोर्ट ने 100 टन जिंदा मगरमच्छों की नीलामी का दिया ऑर्डर, साथ में रख दी ये शर्त
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चीन की एक अदालत 100 टन जीवित मगरमच्छों की नीलामी का आदेश दिया है. यह तीसरा मौका है, जब ऐसी कोशिश की जा रही है. क्योंकि ये मगरमच्छ एक दिवालिया कंपनी के हैं. अब इन जीवों के लिए कोई बोली लगाने वाला नहीं मिल रहा है.
चीन के शेन्जेन नानशान पीपुल्स कोर्ट ने एक अजीब नीलामी की घोषणा की है. इसके तहत लगभग 200 से 500 मगरमच्छों की नीलामी की जाएगी. ये 4 मिलियन युआन यानी 550,000 डॉलर से शुरू होगी. क्योंकि इससे पहले भी दो बार नीलामी की कोशिश हुई थी, लेकिन कोई बोली नहीं लगी थी. इसलिए नीलामी की रकम को कम किया गया है.
पहले इन मगरमच्छों का स्वामित्व गुआंग्डोंग होंग्यी मगरमच्छ उद्योग कंपनी के पास था, जिसकी स्थापना 'क्रोकोडायल गॉड' कहे जाने वाले मो जुनरोंग ने की थी. इस ऑक्शन के साथ शर्त ये है कि खरीदारों को इन मगरमच्छों को खुद से पकड़ना होगा और फिर वाहनों पर लादकर ले जाना होगा.
इस वजह से की जा रही मगरमच्छों की नीलामी साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में विफल रही और उसे इन मगरमच्छों को अपनी परिसंपत्तियों के तहत बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा.चीन में मगरमच्छ एक प्रमुख वस्तु है और इसका इस्तेमाल मेकअप से लेकर वाइन तक 100 से ज़्यादा उत्पादों में किया जाता है. ये सारे मगरमच्छ सियामीज़ हैं, जिन्हें चीन में व्यावसायिक रूप से पाला और बेचा जाता है.
खरीदारों को खुद से पकड़कर मगरमच्छों को ले जाना होगा न्यायालय ने शिपिंग का खर्च वहन करने या सामूहिक रूप से मगरमच्छ के परिवहन का प्रबंध करने की बात नहीं कही है. इन सैकड़ों सरीसृपों को खरीदने में रुचि रखने वाले व्यक्ति को इन्हें खुद से पकड़ना होगा और उन्हें लोड करने सहित संग्रह की लागत भी वहन करनी होगी. शर्त ये भी है कि खरीदारों के पास मगरमच्छों के लिए जलीय वन्यजीवों के लिए कृत्रिम प्रजनन लाइसेंस भी होना चाहिए और उन्हें रखने के लिए उचित स्थान होना चाहिए.
अबतक कोई खरीदार नहीं आया है सामने नीलामी के लिए अभी तक किसी ने पंजीकरण नहीं कराया है - जिससे मगरमच्छों को बेचने का तीसरा प्रयास भी असफल हो चुका है. पिछली नीलामी जनवरी और फरवरी में हुई थी, जिसकी शुरुआती कीमत 5 मिलियन युआन थी, जिसे बाद में घटाकर 4 मिलियन कर दिया गया था. किसी भी नीलामी में किसी ने बोली नहीं लगाई.

जोहरान ममदानी इन दिनों सुर्खियों में हैं. 33 साल के ममदानी न्यूयॉर्क शहर के मेयर पद के लिए पहले इंडियन मुस्लिम डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बन गए हैं. उन्होंने पूर्व गर्वनर एंड्रयू कुओमो को डेमोक्रेटिक मेयरल प्राइमरी में पीछे छोड़ दिया है. इसके अलावा भी उनकी एक विशेष पहचान है, जिस वजह से उनका नाम पूरी दुनिया में छाया हुआ है.