कोर्ट ने मुंबई मेट्रो को आरे में पेड़ न काटने के वचन का सख़्ती से पालन करने का निर्देश दिया
The Wire
मुंबई के मेट्रो कार शेड परियोजना को लेकर आरे कालोनी में पेड़ों की कटाई का हरित कार्यकर्ता और निवासी लगातार विरोध कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को पेड़ों को न काटने के वचन का पालन करने का निर्देश देते हुए चेतावनी दी कि किसी भी तरह का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) को निर्देश दिया कि वह मुंबई की आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटने के अपने वचन का सख्ती से पालन करे और चेतावनी दी कि किसी भी तरह का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
महाराष्ट्र सरकार के वकील ने जब दस्तावेजों को समेटने के लिए समय मांगा तो जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि वह 30 अगस्त को मामले की सुनवाई करेंगे.
एमएमआरसीएल के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किलों ने पहले ही एक हलफनामा दायर कर दिया है कि किसी भी तरह से कोई पेड़ नहीं काटा गया है या नहीं काटा जाएगा. एमएमआरसीएल निदेशक द्वारा उक्त उपक्रम को पहले ही रिकॉर्ड में ले लिया गया है और एमएमआरसीएल इसके लिए सख्ती से बाध्य होगा.
पीठ में जस्टिस एसआर भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया भी शामिल हैं.