
कोर्ट ने कहा- महिला का किसी दूसरे के साथ अफेयर का मतलब यह नहीं कि वह अच्छी मां नहीं है, जानें क्या है पूरा मामला
ABP News
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि किसी भी महिला को इस आधार पर उसके बच्चे की कस्टडी से वंचित नहीं किया जा सकता कि उसका विवाहेत्तर संबंध है. हाईकोर्ट के न्यायधीश जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा, पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं पर लांक्षण लगाना आम धारणा है.
अगर किसी महिला का विवाहेत्तर संबंध है, तो इसका मतलब यह नहीं कि वह महिला अपने बच्चों की परवरिश सही से नहीं कर सकती. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इसी आधार पर महिला को बच्चे की कस्टडी के अधिकार से वंचित नहीं करने का फैसला सुनाया है. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि महिला का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर इस बात का आधार नहीं हो सकता कि वह अच्छी मां नहीं है, ना ही इस आधार पर उसे अपने बच्चे की कस्टडी से रोका जा सकता है. बुरी मां सिद्ध नहीं किया जा सकताबंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा, पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं पर लांक्षण लगाना आम धारणा है. इससे भी बड़ी बात यह है कि बिना किसी ठोस बुनियाद पर महिलाओं को बदनाम किया जाता है. उन्होंने कहा कि सिर्फ यह की महिला का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर है या हो हो सकता है, के आधार पर यह सिद्ध नहीं किया जा सकता है कि वह बुरी मां है. इसलिए उसे बच्चे की कस्टडी से भी वंचित नहीं किया जा सकता.More Related News