
कोर्ट का इशरत जहां मामले की जांच करने वाले आईपीएस अधिकारी की बर्ख़ास्तगी रोकने से इनकार
The Wire
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा ने गुजरात में इशरत जहां की कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले की जांच में सीबीआई की मदद की थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हमारा विचार है कि इस स्तर पर 30 अगस्त, 2022 के बर्खास्तगी के आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि याचिकाकर्ता को किसी भी स्थिति में, 30 सितंबर, 2022 को सेवानिवृत्त होना है. नतीजतन, हम बर्खास्तगी के आदेश को रोकने या इस पर हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच में मदद करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा को उनकी निर्धारित सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले बर्खास्त करने के केंद्र के आदेश पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया.
हालांकि, अदालत ने केंद्र से वर्मा की बर्खास्तगी को चुनौती देने वाली याचिका पर आठ सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा.
वर्मा को 30 सितंबर को उनकी निर्धारित सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले 30 अगस्त को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, जब विभागीय जांच में उन्हें ‘मीडिया के साथ बातचीत’ सहित विभिन्न आरोपों का दोषी पाया गया था.
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद वर्मा ने उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसमें उन्हें अपनी बर्खास्तगी को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय जाने की अनुमति दी गई थी.