कोरोना से हांफ रहा है पश्चिम बंगाल, कोलकाता की स्थिति गंभीर
BBC
आधिकारिक तौर पर पश्चिम बंगाल में संक्रमण की दर पहले 25 फ़ीसदी थी, जो अब बढ़कर 28.58 फ़ीसदी के रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गई है
"मैं किसी तरह एक एंबुलेंस को 10 हज़ार रुपए देकर तीन दिन पहले अपने भाई को कोलकाता ले आया था. पूरे दिन तमाम सरकारी अस्पतालों का चक्कर लगाने के बावजूद जब कहीं कोई बेड नहीं मिला, तो मैंने एक निजी अस्पताल में उनको दाखिल कराया. लेकिन वहाँ रोजाना क़रीब एक लाख रुपए का बिल भरने की मेरी औकात नहीं थी. उसके बाद मैं उसे घर ले आया और इलाक़े के एक डॉक्टर की सलाह पर घर पर ही ऑक्सीजन देने लगा. लेकिन सिलेंडर का जुगाड़ करना अस्पताल में बेड का जुगाड़ करने से कहीं ज़्यादा मुश्किल है. एक ख़ाली सिलेंडर के लिए 25 हज़ार रुपए मांगे जा रहे हैं." उत्तर 24-परगना ज़िले के बांग्लादेश से सटे अशोक नगर इलाक़े के मोइनुल इस्लाम जब अपनी आपबीती सुनाते हैं, तो उनके चेहरे पर हताशा और सिस्टम के प्रति नाराज़गी साफ़ नज़र आती है. दरअसल, यह तो महज एक मिसाल है. पश्चिम बंगाल में जिस तेज़ी से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, वह बेहद चिंताजनक है. ख़ासकर राजधानी कोलकाता और उसके आसपास के इलाक़ों में तो हालात बेहद गंभीर है. आँकड़े ख़ुद अपनी कहानी कहते हैं. रविवार देर रात तक चौबीस घंटों के दौरान क़रीब 16 हजार नए मामले आए और 57 लोगों की मौत हो गई. इनमें से अकेले कोलकाता में ही चार हज़ार मामले सामने आए हैं. दो सप्ताह पहले जहाँ राज्य में दैनिक संक्रमण 8,398 और मौतों की संख्या औसतन 10 थी, वहीं दो सप्ताह में यह कई गुना बढ़ गई है. पहले रोजाना अगर 100 लोगों की जाँच होती थी, तो एक व्यक्ति पॉजिटिव निकलता था. यह आँकड़ा पहले 25 फ़ीसदी पहुँचा यानी हर चार में से एक पॉजिटिव. और अब तो यह दर 28.58 फ़ीसदी के रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गई है.More Related News