
कोरोना से लड़ाई में कितनी काम आई मोदी सरकार की आयुष्मान भारत -PMJAY योजना? बीबीसी पड़ताल
BBC
भारत में कोविड-19 से अब तक दो करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं. लेकिन इनमें से कितनों की मदद भारत सरकार की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम आयुष्मान भारत ने की है? - बीबीसी पड़ताल
"तीन रातों से भाई नीम का थाना के सरकारी अस्पताल में भर्ती था. कोरोना हुआ है. वहाँ डॉक्टरों से बात नहीं संभली तो उन्होंने प्राइवेट अस्पताल में जाने को कह दिया. पिछली रात को ही भाई को इस प्राइवेट अस्पताल में दाखिला करवाया है. ऑक्सीजन लेवल 80 तक पहुँच गया था. अभी भर्ती हुए 24 घंटे भी नहीं हुए हैं और हम अस्पताल वालों को 1 लाख 30 हजार रुपये दे चुके हैं." बस इन तीन-चार लाइनों के बाद फोन पर दूसरी तरफ़ चुप्पी छा जाती है. राजेंद्र प्रसाद फफक कर रोने लगते हैं. आवाज़ में अनकही लाचारगी और बेबसी साफ़ महसूस की जा सकती है. जयपुर से 17 किलोमीटर दूर नीम का थाना, सीकर के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद सीकर के एक प्राइवेट अस्पताल में अपने भाई सुभाष चंद का इलाज करवाने पहुँचे हैं. उनके भाई अस्पताल के आईसीयू में ज़िंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. हाथ में उनके भाई सुभाष के नाम का आयुष्मान कार्ड है, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर छपी है. राजेंद्र प्रसाद आंसू पोंछने के साथ बताते हैं, "तीन दिन तक तो सरकारी अस्पताल में थे, वहाँ इलाज में कोई पैसा नहीं लगा. हमें लगा कि ये कार्ड यहाँ भी काम आएगा. डॉक्टरों ने कहा तो हम भी यहाँ भाई को लाकर भर्ती करवा दिए. लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने कहा, पहले पैसे जमा करो, हम रसीद दे देंगे, जहाँ से वापसी लेनी हो आप ले लेना... बताओ मैडम, इस पर्चे/कार्ड का अब क्या करें. किस काम के मोदी जी... किस काम का उनका ये कार्ड?"More Related News