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कोरोना से ठीक हुए लोगों में 'बोन डेथ' के मामले, जानिए क्या है ये
The Quint
Post COVID Bone Death Cases in Mumbai: मुंबई में कोरोना से ठीक हो चुके कुछ लोगों में एवस्कुलर नेक्रोसिस (AVN), जिसे आमतौर पर 'बोन डेथ' भी कहा जाता है, का पता चला है. जानिए क्या है बोन डेथ और इसके लक्षण.
मुंबई में COVID-19 से ठीक हो चुके कुछ लोगों में एवस्कुलर नेक्रोसिस (AVN), जिसे आमतौर पर 'बोन डेथ' भी कहा जाता है, का पता चला है.एवस्कुलर नेक्रोसिस (AVN) के हालिया मामले उन लोगों के हैं, जो कुछ महीने पहले ही COVID-19 से ठीक हुए हैं, इसलिए इसके पोस्ट कोविड जटिलता होने का अनुमान लगाया जा रहा है.रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक इसके तीन मामले कन्फर्म हुए हैं. इन मरीजों की उम्र 40 साल से कम थी और इनकी फीमर यानी जांघ की हड्डी में बहुत दर्द होने के बाद इसका पता चला.क्या है बोन डेथ?मेयो क्लीनिक के मुताबिक एवस्कुलर नेक्रोसिस (Avascular necrosis) किसी हड्डी की ओर ब्लड सप्लाई में रुकावट आने या इसकी कमी से होने वाली बीमारी है, जिसे ऑस्टियोनेक्रोसिस भी कहते हैं. इसमें हड्डी के ऊतक मर जाते हैं, इसलिए इसे बोन डेथ भी कहा जाता है.ये कंडिशन आमतौर पर 30 से 50 साल की उम्र वालों में देखी जाती है.ये हाई डोज वाली स्टेरॉयड दवाओं के लंबे समय तक इस्तेमाल और अत्यधिक शराब पीने से भी जुड़ी है.बहुत से लोगों में इस बीमारी के शुरुआती स्टेज में किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं, लेकिन हालत खराब होने के साथ प्रभावित जोड़ पर भार पड़ने से दर्द हो सकता है.ADVERTISEMENTकोरोना से रिकवरी के बाद लंबे समय तक कई जटिलताएं रिपोर्ट की जा रही हैं. म्यूकोरमाइकोसिस जैसे फंगल इन्फेक्शन, डायबिटीज, ब्लड क्लॉटिंग, दिल, फेफड़ों और सांस से जुड़ी दूसरी दिक्कतें के अलावा कोरोना के लक्षण भी लंबे समय तक देखे जा सकते हैं, जिसे लॉन्ग कोविड कहा गया है.पोस्ट कोविड जटिलताओं पर अध्ययन जारी है, जिसमें बोन डेथ भी शामिल हो गया है, जिस पर आगे और जानकारी जुटाई जा रही है.(इनपुट- मेयो क्लीनिक, टाइम्स ऑफ इंडिया) (Subscribe to FIT on Telegram)ADVERTISEMENT...More Related News