कोरोना: विदेशी कंपनियों का राज्यों को वैक्सीन देने से इनकार? 18+ के वैक्सीनेशन पर संकट
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देश में अभी तक करीब 20 करोड़ वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी हैं, लेकिन इन सबके बीच कई राज्यों में वैक्सीनेशन के अभियान में बाधा आ रही है. जिसकी मुख्य वजह वैक्सीन की किल्लत है. दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब समेत कई राज्यों में वैक्सीन की कमी के कारण वैक्सीनेशन का काम रोकना पड़ रहा है.
भारत में कोरोना वायरस को मात देने के लिए वैक्सीनेशन का काम चल रहा है. अभी तक करीब 20 करोड़ वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी हैं, लेकिन इन सबके बीच कई राज्यों में वैक्सीनेशन के अभियान में बाधा आ रही है. जिसकी मुख्य वजह वैक्सीन की किल्लत है. दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब समेत कई राज्यों में वैक्सीन की कमी के कारण वैक्सीनेशन का काम रोकना पड़ रहा है.वैक्सीन की कमी से जूझ रहे हैं राज्य दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बंगाल समेत कई राज्यों ने अभी तक वैक्सीन की कमी की बात कही है. जहां पर 45 प्लस और 18 प्लस के लिए वैक्सीनेशन का काम चल रहा था, अब वहां पर किसी एक को रोकना पड़ रहा है. लोगों को कोविन पर स्लॉट बुक करने में दिक्कत आ रही है, तो वहीं अगर स्लॉट मिल भी जा रहा है तो वैक्सीन सेंटर पर लंबी कतार है और भीड़ के बीच घंटों का इंतज़ार है.18 प्लस के लिए बंद हुआ टीकाकरण राजधानी दिल्ली ने बीते दिन ही जानकारी दी कि उनके पास वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है, ऐसे में 18 प्लस वालों के लिए टीकाकरण रोका जा रहा है. जबकि 45 प्लस वालों के लिए भी कुछ ही वैक्सीन का स्टॉक है. झारखंड में भी 18 प्लस के लिए सिर्फ दो दिन का स्टॉक बचा है, ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से जल्द सप्लाई की अपील की है. दिल्ली से पहले महाराष्ट्र भी 18 प्लस के लिए वैक्सीनेशन को रोक चुका है, क्योंकि उसके पास सप्लाई कम है.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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