
कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौतों की सटीक रिपोर्ट दी जानी चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट
The Wire
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि देशभर से ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि कोरोना से होने वाली सभी मौतों के आंकड़ों को ठीक से दर्ज नहीं किया जा रहा है. अदालत ने कहा कि यह वास्तव में महामारी के पैमाने को समझने के प्रयास को बाधित कर सकता है और परिवारों को उस राहत की मांग करने से भी वंचित सकता है, जिसके वे हक़दार हैं.
नई दिल्लीः मद्रास हाईकोर्ट ने बीते शुक्रवार को कहा कि देशभर से ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि कोरोना से होने वाली सभी मौतों के आंकड़ों को ठीक से दर्ज नहीं किया जा रहा है. पीठ ने कहा, ‘यह सामान्य है कि किसी शख्स को हुई बड़ी बीमारी की वजह से दिल का दौरा पड़ सकता है और इससे उसकी मृत्यु हो सकती है. हालांकि ऐसे मामले में मौत का कारण उचित रूप से सिर्फ दिल का दौरा नहीं माना जा सकता है, बल्कि दिल पर दौरा होने के अंतर्निहित कारण को वास्तविक कारण माना जाना चाहिए. तो क्या यह कोविड-19 से होने वाली मौतों के मामले में किया जाना चाहिए, भले ही वह व्यक्ति कई बीमारियों से पीड़ित हो.’ अदालत ने कहा कि यह वास्तव में महामारी के पैमाने को समझने के प्रयास को बाधित कर सकता है और परिवारों को उस राहत की मांग करने से भी वंचित सकता है, जिसके वे हक़दार हैं. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति की खंडपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. इसमें कोविड-19 के सभी मामलों में अंतरराष्ट्रीय मानकों सहित आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) के दिशानिर्देशों और अन्य प्रासंगिक मानकों के अनुसार मृत्यु का कारण संबंधित प्रमाण पत्र/आधिकारिक दस्तावेज में ठीक से और सही ढंग से उल्लिखित हो, इसकी मांग की गई है. साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए तमिलनाडु सरकार को एक प्रभावी नीति लागू करने के लिए निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है. याचिका में कहा गया है कि इससे परिवार बिना किसी बाधा के सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे.More Related News